ज्योतिष आचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 27 दिसम्बर 2024
दिन: शुक्रवार
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: शिशिर ऋतु
मास: पौष
पक्ष: कृष्ण
तिथि: द्वादशी रात्रि 1:20 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र: विशाखा रात्रि 7:59 तक, अनुराधा
योग: धृति रात्रि 10:45 तक, तत्पश्चात शूल
राहुकाल: सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 तक
सूर्योदय: प्रातः 6:47
सूर्यास्त: सायं 5:13
दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
विशेष व्रत और पर्व जानकारी
शनिप्रदोष व्रत (28 दिसम्बर 2024)
शनिप्रदोष व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। इस बार 28 दिसम्बर, शनिवार को शनिप्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।
व्रत और पूजा विधि:
- प्रात: स्नान के बाद भगवान शिव, माता पार्वती, और नंदी का पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
- बेलपत्र, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची अर्पित करें।
- पूरे दिन निराहार रहें (फलाहार कर सकते हैं)।
- शाम को पुनः उसी विधि से पूजा करें।
- भगवान शिव को जौ के सत्तू का भोग अर्पित करें और आठ दीपकों से आठ दिशाओं में दीप जलाएं।
- पूजा के बाद भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद चढ़ाकर व्रत समाप्त करें।
उपाय:
- सुबह जल्दी उठकर तांबे के लोटे से सूर्य देव को अर्ध्य दें और पानी में आकड़े के फूल डालें। आकड़े के फूल भगवान शिव के प्रिय हैं। यह उपाय करने से सूर्यदेव और शिवजी की कृपा बनी रहती है।
स्वास्थ्य संबंधी टिप्स
गोमूत्र के लाभ
- सर्दियों में गोमूत्र का सेवन किडनी और लीवर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
- खांसी में आराम के लिए गोमूत्र पीने से राहत मिलती है।
- बालों में रूसी होने पर गोमूत्र से बाल धोने से अधिक सफाई मिलती है। यह शेम्पू से बेहतर कार्य करता है।