ज्योतिष आचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 26 दिसम्बर 2024
दिन: गुरूवार
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: शिशिर ऋतु
मास: पौष
पक्ष: कृष्ण
तिथि: एकादशी रात्रि 11:36 तक, तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र: स्वाती शाम 5:41 तक, पश्चात विशाखा
योग: सुकर्मा रात्रि 10:32 तक, तत्पश्चात धृति
राहुकाल: दोपहर 01:30 से शाम 03:00 तक
सूर्योदय: प्रातः 6:47
सूर्यास्त: सायं 5:13
दिशाशूल: दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण: सफला एकादशी
विशेष: हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है:
“राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम त तुल्यं, राम नाम वरानने।”
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है। जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
सफला एकादशी:
25 दिसम्बर 2024 बुधवार को रात्रि 9:34 से आज 26 दिसम्बर, गुरुवार को रात्रि 11:36 तक एकादशी है।
विशेष: आज 26 दिसम्बर, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें। सफला एकादशी व्रत से सभी कार्य सफल होते हैं। यह सुख, भोग और मोक्ष देने वाली है। इस रात को जागरण करने से हजारों वर्षों की तपस्या करने से भी अधिक फल मिलता है।
विघ्न-बाधाएँ दूर करने हेतु मंत्र:
यदि साधना में विघ्न आते हों तो ‘ॐ नमो सर्वार्थसाधिनि स्वाहा’ इस मंत्र का जप करके हाथ में जल लेकर अपने आसन के चारों ओर छोड़ते हुए घेरा बना लें। इससे विघ्न नष्ट हो जाते हैं और प्रभु का आनंद प्राप्त होता है।