ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
तिथि व समय
- दिनांक: 29 जुलाई 2025
- दिन: मंगलवार
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947
- अयन: दक्षिणायन
- ऋतु: वर्षा ऋतु
- मास: श्रावण
- पक्ष: शुक्ल
- तिथि: पंचमी रात्रि 12:42 तक, तत्पश्चात षष्ठी
- नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी रात्रि 8:38 तक, तत्पश्चात हस्त
- योग: शिव, प्रातः 5:02 तक, तत्पश्चात सिद्ध
- राहुकाल: अपराह्न 3:00 से 4:30 तक
- सूर्योदय: प्रातः 5:23 बजे
- सूर्यास्त: संध्या 6:37 बजे
- दिशाशूल: उत्तर दिशा में
- व्रत पर्व विवरण: नाग पंचमी
- विशेष जानकारी: चतुर्मास में पलाश पत्र की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक माना गया है
नाग पंचमी विशेष
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी पर्व श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन नाग देवता की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजन करने से व्यक्ति को सर्प भय नहीं होता और उसके परिवार की रक्षा होती है।
पूजन विधि
- प्रातःकाल स्नानादि कर शिव ध्यान करें।
- नाग-नागिन के जोड़े की प्रतिमा (सोना, चांदी या तांबे की) के समक्ष निम्न मंत्र का पाठ करें: “अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपाल धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।” - पूजा और उपवास का संकल्प लें।
- नाग प्रतिमा को दूध से स्नान कराएं, फिर गंध, फूल, धूप, दीप से पूजन करें और सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
- निम्न प्रार्थना करें: “सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नमः।।” - नाग गायत्री मंत्र का जप करें: “ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात्।”
- तत्पश्चात सर्प सूक्त का पाठ करें: “ब्रह्मलोकुषु ये सर्पाः शेषनाग पुरोगमाः।
नमोस्तुतेभ्यः सर्पेभ्यः सुप्रीताः मम सर्वदा।।
इन्द्रलोकेषु ये सर्पाः वासुकि प्रमुखादयः… (क्रमशः पाठ करें)” - नागदेवता की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।