ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
दिनांक: 26 मई 2025, सोमवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: उत्तरायण
ऋतु: ग्रीष्म
मास: ज्येष्ठ
पक्ष: कृष्ण
तिथि: चतुर्दशी प्रातः 10:54 तक, तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र: भरणी सुबह 7:20 तक, तत्पश्चात कृत्तिका
योग: शोभन सुबह 6:16 तक, तत्पश्चात अतिगण्ड
राहुकाल: सुबह 07:30 से 09:00 तक
सूर्योदय: 05:18
सूर्यास्त: 18:42
दिशाशूल: पूर्व दिशा में
व्रत/पर्व विवरण:
- अमावस्या
- वटसावित्री व्रत
- श्री शनैश्चर जयंती
- सोमवती अमावस्या (26 मई सुबह 10:54 से 27 मई सुबह 8:32 तक)
विशेष जानकारी:
- आज अमावस्या व्रत
- 27 मई 2025 से गंगा दशहरा आरंभ
गंगा स्नान का पुण्य फल:
27 मई मंगलवार से गंगा दशहरा प्रारंभ हो रहा है। जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसी दल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है।
गंगा स्नान का मंत्र:
“ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा”
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए स्नान करें, घर पर भी गंगा स्नान का पुण्य मिलेगा।
शनिदेव का कुप्रभाव शांत करने हेतु उपाय:
26 मई को दर्श एवं सोमवती अमावस्या तथा 27 मई को ज्येष्ठ एवं भावुका अमावस्या है।
नकारात्मक ऊर्जा हटाने के लिए:
हर अमावस्या या प्रत्येक 15 दिन में 1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक मिलाकर पोछा लगाएं।
वैकल्पिक रूप से गौझरण अर्क का प्रयोग भी किया जा सकता है।
धन-धान्य एवं सुख-संपदा के लिए अमावस्या प्रयोग:
हवन सामग्री:
- काले तिल
- जौं
- चावल
- गाय का घी
- चंदन पाउडर
- गूगल
- गुड़
- देशी कपूर, गौचंदन या कंडा
विधि:
गौचंदन या कंडे को किसी पात्र में रखकर हवनकुंड बनाएँ।
सभी सदस्य एकत्र होकर निम्न मंत्रों से आहुति दें:
आहुति मंत्र:
- ॐ कुल देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
- ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
- ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः