ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा
दिन: मंगलवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: वर्षा ॠतु
मास: श्रावण
पक्ष: कृष्ण
तिथि: द्वादशी (सुबह 5:48 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी)
नक्षत्र: मृगशिरा (शाम 07:20 तक, तत्पश्चात आर्द्रा)
योग: ध्रुव (शाम 4:13 तक, तत्पश्चात व्याघात)
राहुकाल: शाम 3:00 से 4:30 तक
सूर्योदय: सुबह 5:19 पर
सूर्यास्त: संध्या 6:41 पर
दिशाशूल: उत्तर दिशा में
व्रत पर्व: भौमप्रदोष व्रत, मंगलागौरी पूजन
विशेष: चतुर्मास में पलाश के पत्तों पर भोजन करना पापनाशक है।
चतुर्दशी-आर्द्रा नक्षत्र योग 22 जुलाई 2025, मंगलवार को रात्रि 7:20 से 23 जुलाई 2025, बुधवार शाम 6:16 तक आर्द्रा नक्षत्र योग रहेगा। यदि चतुर्दशी के दिन आर्द्रा नक्षत्र का योग हो, तो उस समय किया गया प्रणव (ॐ) का जप अक्षय फलदायी होता है।
कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि 23 जुलाई 2025, बुधवार को मासिक शिवरात्रि है। हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करते हुए शिवजी का ध्यान करें और निम्नलिखित 17 मंत्र बोलें:
- ॐ शिवाय नम:
- ॐ सर्वात्मने नम:
- ॐ त्रिनेत्राय नम:
- ॐ हराय नम:
- ॐ इन्द्र्मुखाय नम:
- ॐ श्रीकंठाय नम:
- ॐ सद्योजाताय नम:
- ॐ वामदेवाय नम:
- ॐ अघोरह्र्द्याय नम:
- ॐ तत्पुरुषाय नम:
- ॐ ईशानाय नम:
- ॐ अनंतधर्माय नम:
- ॐ ज्ञानभूताय नम:
- ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
- ॐ प्रधानाय नम:
- ॐ व्योमात्मने नम:
- ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:
आर्थिक परेशानी से बचने हेतु हर मासिक शिवरात्रि पर, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शाम के समय जप-प्रार्थना करें और शिवमंदिर में दीप-दान करें। यदि घर में आर्थिक कष्ट हैं तो रात को 12 बजे जागकर शिवमंत्र का जप और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि के लाभ
- महाशिवरात्रि एक बार साल में आती है, जबकि मासिक शिवरात्रि हर महीने में आती है।
- शिवलिंग के सामने एक दीपक में पाँच लंबी बत्तियाँ जलाकर बैठकर भगवान शिवजी के नाम का जप करने से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।