ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
दिनांक: 20 जून 2025
दिन: शुक्रवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
ऋतु: ग्रीष्म ऋतु
मास: आषाढ़
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: नवमी प्रातः 6:05 तक, तत्पश्चात दशमी रात्रि 3:43 तक, फिर एकादशी
नक्षत्र: रेवती सायं 6:54 तक, तत्पश्चात अश्विनी
योग: शोभन रात्रि 9:38 तक, तत्पश्चात अतिगंड
राहुकाल: प्रातः 10:30 से दोपहर 12:00 तक
सूर्योदय: 05:13
सूर्यास्त: 18:47
दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण: पंचक समाप्त – रात्रि 09:45
विशेष: नवमी
योगिनी एकादशी व्रत जानकारी
एकादशी व्रत करें: 21 जून 2025 (शनिवार)
एकादशी तिथि: प्रारंभ – 20 जून रात्रि 3:43 से, समाप्ति – 21 जून रात्रि 1:17 तक
व्रत पारण: 22 जून 2025, रविवार प्रातः 9:00 से 11:00 के मध्य
एकादशी व्रत के लाभ
- सूर्यग्रहण में दान के पुण्य से कई गुना अधिक पुण्य एकादशी व्रत से प्राप्त होता है।
- गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से भी अधिक पुण्य।
- पूर्वज नीच योनियों से मुक्त होते हैं और परिवार पर कृपा करते हैं।
- व्रती को सुख-शांति, धन-धान्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है।
- कीर्ति एवं भक्ति में वृद्धि होती है, जीवन आनंदमय होता है।
- भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- एकादशी व्रत से सात जन्मों के पाप नष्ट होते हैं (शिवजी द्वारा नारद को कहा गया)।
- इस दिन किये गए व्रत, दान, जप का अनंत फल मिलता है।
एकादशी के दिन करने योग्य कार्य
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- यदि उपलब्ध न हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप करें।
- घर में क्लेश हो तो संकल्पपूर्वक विष्णु सहस्रनाम पढ़ें — शांति प्राप्त होगी।
एकादशी के दिन यह सावधानी रखें
- वृद्ध, बालक एवं रोगी यदि व्रत न कर सकें तो भी चावल का त्याग करें।
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने से एक-एक चावल एक-एक कीड़ा खाने के समान पाप देता है (डोंगरे जी महाराज की भागवत कथा अनुसार)।