ज्योतिषाचार्य: डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 20 जुलाई 2025
दिन: रविवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: वर्षा ऋतु
मास: श्रावण
पक्ष: कृष्ण
तिथि: दशमी प्रातः 10:29 तक, तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र: कृत्तिका रात्रि 10:13 तक, तत्पश्चात रोहिणी
योग: गण्ड रात्रि 09:58 तक, तत्पश्चात वृद्धि
राहुकाल: शाम 4:30 से शाम 6:00 तक
सूर्योदय: प्रातः 5:19
सूर्यास्त: सायं 6:41
दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
व्रत एवं पर्व विवरण:
- विशेष: रविवार
- स्कंद पुराण के अनुसार रविवार को बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
- चातुर्मास में ताँबे और काँसे के पात्रों का त्याग करें। अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करें।
- पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक माना गया है।
एकादशी व्रत के लाभ
आज, 20 जुलाई 2025 रविवार को प्रातः 10:29 से लेकर 21 जुलाई सोमवार को प्रातः 8:04 तक एकादशी है।
एकादशी का उपवास रखें – 21 जुलाई सोमवार को।
व्रत के लाभ:
- सूर्यग्रहण में दिए गए दान से कहीं अधिक पुण्य एकादशी व्रत से प्राप्त होता है।
- गौदान, सुवर्णदान और अश्वमेध यज्ञ से भी श्रेष्ठ पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
- व्रत करने वालों के पितर नीच योनियों से मुक्त होकर प्रसन्न रहते हैं।
- घर में सुख-शांति, धन-धान्य और संतान की वृद्धि होती है।
- कीर्ति और श्रद्धा-भक्ति में वृद्धि होती है जिससे जीवन मधुर बनता है।
- भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
- शिवजी ने नारद को बताया कि एकादशी व्रत से सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
एकादशी के दिन करने योग्य कार्य:
- दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- यदि विष्णु सहस्त्रनाम संभव न हो, तो कम-से-कम 10 माला गुरुमंत्र का जप करें।
- यदि घर में कलह होती हो तो संकल्प लेकर विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ें।
एकादशी के दिन सावधानी:
- वृद्ध, बालक या बीमार व्यक्ति व्रत न कर सकें तो कम-से-कम चावल का त्याग अवश्य करें।
- शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी को चावल खाने से प्रत्येक चावल के दाने के बराबर पाप लगता है।
- डोंगरे जी महाराज के अनुसार, चावल खाने से कीड़े खाने का पाप लगता है।