ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा
पंचांग विवरण
- विक्रम संवत – 2082
- शक संवत – 1947
- अयन – दक्षिणायन
- ऋतु – शरद
- मास – आश्विन
- पक्ष – कृष्ण
- तिथि – द्वादशी रात्रि 12:16 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी
- नक्षत्र – पुष्य सुबह 8:56 तक, तत्पश्चात अश्लेशा
- योग – शिव रात्रि 12:32 तक, तत्पश्चात सिद्ध
- राहुकाल – दोपहर 1:30 से शाम 3:00 तक
- सूर्योदय – प्रातः 5:56
- सूर्यास्त – सायं 6:04
- दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
व्रत एवं पर्व विवरण
- द्वादशी श्राद्ध
- सन्यासी, यति, वैष्णवों का श्राद्ध
- गुरुपुष्यामृत योग (विशेष कार्य हेतु उत्तम समय)
विशेष जानकारी
सर्व पितृ अमावस्या के अंतर्गत ज्ञात-अज्ञात पितरों के नाम पर पिंडदान, तर्पण एवं ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितृ दोष का निवारण होता है। इससे घर में उन्नति के मार्ग खुलते हैं और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कल 19 सितम्बर 2025 – मासिक शिवरात्रि
कर्ज मुक्ति एवं आर्थिक संकट निवारण हेतु विशेष दिन
उपाय:
सूर्यास्त के समय शिवजी का स्मरण करते हुए नीचे दिए गए 17 मंत्रों का जाप करें। यदि संभव हो, शिव मंदिर जाकर दीपदान करें।
17 पावन शिव मंत्र
- ॐ शिवाय नमः
- ॐ सर्वात्मने नमः
- ॐ त्रिनेत्राय नमः
- ॐ हराय नमः
- ॐ इन्द्रमुखाय नमः
- ॐ श्रीकंठाय नमः
- ॐ सद्योजाताय नमः
- ॐ वामदेवाय नमः
- ॐ अघोरहृदयाय नमः
- ॐ तत्पुरुषाय नमः
- ॐ ईशानाय नमः
- ॐ अनंतधर्माय नमः
- ॐ ज्ञानभूताय नमः
- ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः
- ॐ प्रधानाय नमः
- ॐ व्योमात्मने नमः
- ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नमः
विशेष:
- रात 12 बजे श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- दीपक में पाँच लंबी बत्तियाँ लगाकर शिवलिंग के आगे जलाएं।
- शिवनाम का जप करें, इससे कर्ज और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति संभव है।
कल 19 सितम्बर 2025 – प्रदोष व्रत
भगवान शिव को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ अवसर
पूजन विधि:
- प्रातः स्नान कर भगवान शिव, पार्वती व नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
- बेल पत्र, चावल, फूल, धूप, दीप, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- दिनभर व्रत रखें (एक समय फलाहार भी कर सकते हैं)।
- सायं काल पुनः शिव परिवार की पूजा करें।
- घी व शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग अर्पित करें।
- आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
- शिव आरती के बाद वही प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें।
- व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
उपाय:
- प्रातः स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल दें, जल में आकड़े के फूल अवश्य मिलाएं।
- आकड़े के फूल शिव को विशेष प्रिय होते हैं।
- यह उपाय भाग्योदय में सहायक होता है।