ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
दिनांक – 15 नवम्बर 2024
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत –1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
तिथि – पूर्णिमा रात्रि 03:09 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – भरणी रात्रि 10:36 तक तत्पश्चात कृत्तिका
योग – व्यतीपात सुबह 08:10 तक तत्पश्चात वरीयान
राहुकाल – सुबह 10:30 से दोपहर 12:00 तक
सूर्योदय 06:36
सूर्यास्त – 5:24
दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे
व्रत पर्व विवरण – व्रत पूर्णिमा,कार्तिकी पूर्णिमा
विशेष – पूर्णिमा
विष्णुपदी – वृश्चिक संक्रांति
जप तिथि : 16 नवम्बर 2024 शनिवार को विष्णुपदी संक्रांति पुण्यकाल सूर्योदय से सुबह 07:41 तक | विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है |
घर के झगड़े
घर के सभी लोग रसोईघर में हाथ-पैर धोकर ज़मीन पर बैठकर साथ मिलकर भोजन करें तो घर के झगड़े सब समाप्त हो जाएंगे
थकान भगाने के लिए
दोनों नथुनों से श्वास लिया, रोका और दायें नथुने से ही छोड़ा | ऐसा १० बार किया और अँगूठे के पासवाली पहली ऊँगली और अँगूठा – दोनों के अग्रभागों को आपस में मिला के कुछ मिनट शवासन में पड़े रहे |
आर्थिक कष्ट निवृति योग
16 नवम्बर 2024 शनिवार को मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा है । अगर कोई आदमी गरीबी से बहुत पीड़ित हो पैसों की तंगी से बहुत पीड़ित हो और कर्जे का ब्याज भरते-भरते परेशान हो गया हो बहुत तकलीफ सहन करनी पड़ती हो तो मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा को रात के समय गुरुदेव का पुजन कर दिया मानसिक या दिया जलाकर । फिर भगवान विष्णु का स्मरन कर के
मंगलम भग्वान विष्णु, मंगलम गरुध ध्वज |
मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि ।
फिर 6 मंत्र बोले भगवान का स्मरण करते हुए:-
ॐ वैश्वानराय नम:
ॐ अग्नयै नम:
ॐ हविर्भुजै नम:
ॐ द्रविणोदाय नम:
ॐ संवर्ताय नम:
ॐ ज्वलनाय नम: