ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
दिनांक : 15 जुलाई 2025
दिन : मंगलवार
विक्रम संवत : 2082
शक संवत : 1947
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा ऋतु
मास : श्रावण
पक्ष : कृष्ण
तिथि : पंचमी रात्रि 9:58 तक, तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र : शतभिषा (प्रातः 6:49 तक), तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
योग : सौभाग्य (सायं 3:14 तक), तत्पश्चात शोभन
राहुकाल : सायं 3:00 से 4:30 तक
सूर्योदय : प्रातः 5:17 पर
सूर्यास्त : सायं 6:43 पर
दिशाशूल : उत्तर दिशा में
व्रत/पर्व विवरण : मंगला गौरी पूजन, पंचक
विशेष : पंचमी, चातुर्मास प्रारंभ
वर्षा हेतु विशेष उपाय
यदि आपके क्षेत्र में वर्षा नहीं हो रही है तो नीचे दिए गए वैदिक उपाय करें: नक्षत्र विशेष: चित्रा नक्षत्र के स्वामी त्वष्टा देव होते हैं, जो वर्षा कराने वाले देव माने गए हैं।
अनुष्ठान:
- संकल्पपूर्वक श्रीरामचरितमानस का पाठ करें।
- “ॐ त्वष्टाय नमः” और “ॐ वरुणाय नमः” का जप प्रतिदिन करें।
- गुरुमंत्र का जाप नियमित करें।
इन उपायों से वातावरण में वर्षा के योग निर्मित हो सकते हैं।
श्रावण मास विशेष — कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए
श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। शिवपुराण के अनुसार, शिव एवं उनके अवतारों की उपासना से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। हनुमानजी शिव के अवतार माने गए हैं, इसलिए इस मास में मंगलवार और शनिवार को विशेष उपाय किए जा सकते हैं।
हनुमानजी के 8 चमत्कारी उपाय (श्रावण मास के मंगलवार/शनिवार हेतु):
- रात को सोने से पहले घर के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- नारियल पर सिंदूर, मौली व अक्षत चढ़ाकर हनुमानजी को अर्पित करें।
- पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर “ॐ रामदूताय नमः” मंत्र का जप करें।
- चमेली के तेल का दीपक जलाकर, सिंदूर एवं लाल लंगोट अर्पित करें।
- हनुमान मंदिर में झंडा चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- हनुमानजी की तस्वीर इस प्रकार लगाएं कि वे दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हों।
- पीपल के 11 पत्तों पर श्रीराम नाम लिखकर हनुमानजी को अर्पित करें।
- लाल या पीले फूल (कमल, गुलाब, गेंदा, सूर्यमुखी) चढ़ाएं।