ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
दिनांक: 06 जुलाई 2025
दिन: रविवार
विक्रत संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: वर्षा
मास: आषाढ़
पक्ष: शुक्ल
तिथि: एकादशी रात्रि 8:22 तक, तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र: विशाखा रात्रि 10:54 तक, तत्पश्चात अनुराधा
योग: साध्य रात्रि 10:26 तक, तत्पश्चात शुभ
राहुकाल: शाम 4:30 से शाम 6:00 तक
सूर्योदय: प्रातः 5:14
सूर्यास्त: सायं 6:46
दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
व्रत-पर्व विवरण:
देवशयनी एकादशी
चातुर्मास व्रत आरंभ
विशेष: प्रत्येक एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्रनाम ततुल्यं राम नाम वरानने।
इस मंत्र का पाठ करने से सहस्रनाम जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।
एकादशी के दिन न करें:
- बाल कटवाना
- चावल का सेवन
- आलस्य
पुण्यप्रद सुझाव: जो व्यक्ति दोनों पक्षों की एकादशी को आँवले के रस से स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट होते हैं।
श्रावण मास की महिमा:
जो मांगो, भोलेनाथ देते हैं।
देवशयनी एकादशी:
06 जुलाई 2025, रविवार इस दिन का व्रत स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करने वाला, समस्त पापों का नाश करने वाला है।
चातुर्मास विशेष:
भगवान विष्णु 4 माह समाधि में रहते हैं। इस काल में विवाह, नये कर्म आदि वर्जित माने गये हैं।
क्या करें:
- तिल-जौं पिसा मिश्रण + बेलपत्र डालकर स्नान करें — पापनाशक प्रभाव
- “ॐ नमः शिवाय” 5 बार जप कर स्नान जल सिर पर डालें — पित्त, चिड़चिड़ापन कम
- गद्दा हटाकर सादा बिछावन पर शयन करें
- पलाश के पत्तों पर भोजन करें — पापनाशक एवं ब्रह्मभावदायक
- दोनों पक्षों की एकादशी का व्रत करें
- पुरुष सूक्त पाठ करें — बुद्धि विकास
- भूमध्य ध्यान करें — ओज, तेज व विवेक में वृद्धि
- दान, दया, संयम अपनाएँ
- आँवला-मिश्री जल से स्नान करें — महान पुण्यफल
क्या न करें:
- पराया धन, परस्त्री से संपर्क
- परनिंदा, असत्य भाषण, क्रोध
- ब्रह्मचर्य का उल्लंघन
- ताम्रपात्र से भोजन या जल सेवन
- काले और नीले वस्त्र
- बाजारू खाद्यपदार्थ (आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, शहद)
- मैथुनवृत्ति
शास्त्र वचन:
“परनिंदा महा पापं, परनिंदा महा भयम्,
परनिंदा महा दुःखं, तस्य पातकं न परम।”
स्कन्द पुराण अनुसार — परनिंदा से बड़ा कोई पाप नहीं। इस चातुर्मास में संकल्प लें: “हम किसी की निंदा नहीं करेंगे।”