करें रुद्राभिषेक और पाएं भोलेनाथ की असीम कृपा
डॉ उमाशंकर मिश्र, संवाददाता : श्रावण मास का पावन आरंभ हो चुका है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और रुद्राभिषेक इस मास का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र, के अनुसार— “रुद्राभिषेक एक ऐसा उपाय है जो शिवजी को अत्यंत प्रिय है और साधक की हर मनोकामना पूर्ण करने में सक्षम है।”
रुद्राभिषेक क्यों है महत्वपूर्ण?
- भगवान शिव अपने भक्तों की सरल पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं।
- रुद्राभिषेक द्वारा ग्रह बाधाएं, रोग, दरिद्रता और पारिवारिक कलह समाप्त होते हैं।
- यह कार्य विशेष रूप से सावन मास, शिवरात्रि, प्रदोष, और सोमवार को अत्यंत शुभ होता है।
कहां करें रुद्राभिषेक?
- मंदिर के शिवलिंग पर करना श्रेष्ठ।
- घर पर स्थापित शिवलिंग या पर्वत-नदी तट भी उपयुक्त स्थान माने गए हैं।
कौन सी वस्तु से कौन-सी मनोकामना पूर्ण होती है?
अभिषेक की वस्तु | लाभ |
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घी | वंश वृद्धि |
गन्ने का रस | दुर्योग नाश, धन प्राप्ति |
दूध + शक्कर | विद्या |
शहद | पुरानी बीमारियों से मुक्ति |
गाय का दूध | आरोग्य |
भस्म | मोक्ष |
जल + शक्कर | संतान प्राप्ति |
रुद्राभिषेक के लिए उत्तम तिथियाँ:
- शुक्ल पक्ष द्वितीया, नवमी, पंचमी, द्वादशी
- कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, अष्टमी, अमावस्या, चतुर्थी, एकादशी
- शिवरात्रि, प्रदोष और सावन के सोमवार को विशेष फलदायी समय माना गया है।
विशेष मनोकामनाओं के लिए मंत्र जाप और अभिषेक:
- कालसर्प योग, गृहक्लेश, असाध्य रोग, या धन-संपत्ति की प्राप्ति जैसे उद्देश्यों से रुद्राभिषेक करना अत्यंत लाभकारी है।
- त्र्यम्बकं यजामहे… और रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों से किया गया अभिषेक हर प्रकार की समस्या से मुक्ति दिलाता है।