सभी गणनाएं 12 राशियों और नौ ग्रहों की चाल और उनसे बनने वाली शुभ-अशुभ स्थिति के इर्द-गिर्द घूमती हैं
डॉ. उमाशंकर मिश्र,लखनऊ : जीवन में आने वाले कष्ट, बाधाएँ और ग्रहदोषों के निवारण हेतु यदि व्यक्ति नवग्रहों को अनुकूल बना ले, तो अनेक प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। नीचे राशि के अनुसार विशिष्ट उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन कर व्यक्ति जीवन में सुख-शांति और उन्नति प्राप्त कर सकता है।
मेष और वृश्चिक राशि
स्वामी ग्रह: मंगल
उपाय:
- मंगल गायत्री मंत्र का जाप करें:
“ॐ अंगारकाय विद्महे। शक्तिहस्ताय धीमहि। तन्नो भौम प्रचोदयात।” - प्रत्येक मंगलवार को मसूर की दाल पक्षियों को डालें।
- स्नान करते समय एक चुटकी लाल चंदन पाउडर पानी में डालें।
वृषभ और तुला राशि
स्वामी ग्रह: शुक्र
उपाय:
- शुक्रवार को खीर बनाएं और गौमाता को ठंडी कर के खिलाएं।
- पक्षियों को चावल के दाने डालें।
- स्नान के जल में इलायची पाउडर व केसर डालें।
मिथुन और कन्या राशि
स्वामी ग्रह: बुध (कन्या के लिए राहु भी)
उपाय:
- बुधवार को हरे मूंग पक्षियों या गाय को खिलाएं।
- “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- गुरु मंत्र का जाप अधिक करें।
कर्क राशि
स्वामी ग्रह: चंद्रमा
उपाय:
- सोमवार को शिवलिंग पर दूध व जल अर्पित करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें:
“ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्…” - चंद्रमा को शुक्ल पक्ष में अर्घ्य दें, विशेष रूप से पूर्णिमा पर।
- मन से प्रार्थना करें: “हे प्रभु! आप ही नक्षत्रों के अधिपति हैं, मेरे जीवन से दुख-दरिद्रता दूर करें।”
सिंह राशि
स्वामी ग्रह: सूर्य
उपाय:
- नित्य प्रातः सूर्य को अर्घ्य दें।
- रविवार को गेहूँ के दाने पक्षियों को डालें।
- गेहूँ की रोटी में गुड़ मिलाकर गाय को खिलाएं या किसी गरीब को दें।
- गुरुमंत्र का जाप नियमित करें।
धनु और मीन राशि
स्वामी ग्रह: बृहस्पति (मीन के लिए केतु भी)
उपाय:
- गुरुवार को आम के वृक्ष को चावल, जल, चना अर्पित करें।
- “ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- मीन राशि वाले “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- सत्संग में मन लगाएं, गणेश जी की उपासना विवेक की साधना है।
मकर और कुंभ राशि
स्वामी ग्रह: शनि
उपाय:
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- यदि पूरा पाठ संभव न हो, तो निम्न मंत्र का जाप करें:
“मनोजवं मारुततुल्यवेगं… श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।” - “श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये” का मन में बार-बार उच्चारण करें।