वास्तु सिद्धांतों का ध्यान न रखा जाए, तो घर में हो सकता है नकारात्मक ऊर्जा का संचार
डॉ उमाशंकर मिश्र,संवाददाता : घर में रखी वस्तुएं और हमारे दैनिक क्रियाकलापों का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यदि इन कार्यों में वास्तु सिद्धांतों का ध्यान न रखा जाए, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जिससे सुख-समृद्धि प्रभावित होती है।
भोजन से जुड़े वास्तु के मुख्य नियम
- दिशा का ध्यान:
भोजन करते समय सदैव मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। - डायनिंग टेबल की स्थिति:
टेबल को उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार से सटाकर रखें। - बैठने की दिशा:
- परिवार के सदस्यों को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बैठना चाहिए।
- अतिथियों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बैठाना शुभ माना जाता है।
- फल व मिठाई की उपस्थिति:
टेबल पर हमेशा फल, मिठाई या कोई खाद्य सामग्री रखें। इससे घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती। - दर्पण का महत्व:
डायनिंग टेबल के सामने एक बड़ा दर्पण अवश्य लगाएं।
जब दर्पण में भोजन दिखता है, तो वह समृद्धि को दोहराता है। यह बहुत ही शुभ एवं लाभदायक वास्तु उपाय है। - भोग लगाना न भूलें:
भोजन करने से पूर्व भगवान को भोग अवश्य लगाएं। इससे घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। - प्रार्थना करें:
हर भोजन से पहले ईश्वर का स्मरण करें। इससे भोजन प्रसाद बन जाता है और जीवन में शांति बनी रहती है। - टीवी या मोबाइल से दूरी:
भोजन करते समय टीवी या मोबाइल का प्रयोग न करें। यह अन्न का अपमान माना गया है और मानसिक एकाग्रता को भी प्रभावित करता है। - अखबार न पढ़ें:
भोजन के साथ अखबार पढ़ना भी अन्न का अपमान माना जाता है। यह आदत त्यागें। - जूठे बर्तनों की सफाई:
डायनिंग टेबल पर जूठे बर्तन अधिक देर तक न रखें। टेबल को हमेशा साफ-सुथरा और स्वच्छ बनाए रखें।
वास्तु के छोटे-छोटे नियमों का पालन कर हम अपने घर में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं। विशेष रूप से भोजन संबंधी नियम न सिर्फ वास्तु सम्मत हैं, बल्कि ये हमारे पारंपरिक जीवनशैली की गरिमा को भी बनाए रखते हैं।