15 फरवरी से होगी लाइव दर्शन की शुरुआत
वृंदावन,संवाददाता : ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंधन समिति की सोमवार को हुई बैठक में ठाकुर जी को बालभोग देरी से अर्पित होने का मामला प्रमुखता से उठा। बैठक में निर्णय लिया गया कि 1 जनवरी से ठाकुर बांकेबिहारी को श्रद्धालुओं द्वारा प्रायोजित भोग अर्पित किया जाएगा। प्रतिदिन चार पहर के भोग की जिम्मेदारी श्रद्धालुओं को दी जाएगी, जिससे उन्हें भोगसेवा का अवसर मिलेगा और व्यवस्था भी सुचारु रहेगी।
श्रद्धालुओं को मिलेगा भोग प्रायोजन का अवसर
समिति अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार ने बताया कि भोग प्रायोजित करने वाले श्रद्धालु को अनुमानित करीब एक लाख रुपये की धनराशि देनी होगी। इस राशि पर अंतिम निर्णय 24 दिसंबर की बैठक में लिया जाएगा। तब तक हलवाई को नियमित भुगतान जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हर माह भोग पर खर्च हो रहे 7 लाख रुपये
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में मंदिर फंड से ठाकुर जी के भोग पर हर महीने करीब सात लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। अध्यक्ष ने कहा कि भोग व्यवस्था में पूर्व में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। वर्ष 2017 में एक साल तक भोग पर कोई खर्च नहीं हुआ कोविड काल में मंदिर बंद रहने के बावजूद सामान्य दिनों से अधिक खर्च दर्शाया गया इन मामलों की जांच कराए जाने की बात कही गई।
साढ़े पांच करोड़ का अर्थदंड अब तक जमा नहीं
मंदिर के सीए की रिपोर्ट में सामने आया कि बीते दो दशकों में सेवायतों की अनियमितताओं और न्यायालय के आदेशों की अवहेलना पर करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया गया, जो अब तक जमा नहीं हो सका है। इसे वसूलने की योजना पर अमल करने का निर्णय लिया गया।
रेलिंग व्यवस्था पर फैसला लंबित
श्रद्धालुओं को कतारबद्ध दर्शन कराने के लिए रेलिंग व्यवस्था पर आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट अभी पूरी नहीं मिली है। रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में 15 फरवरी से दर्शन का सीधा प्रसारण शुरू होगा। इसके लिए मंदिर के अंदर और बाहर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। लाइव स्ट्रीमिंग का कार्य एक मीडिया संस्था द्वारा निःशुल्क किया जाएगा।
राजस्थान की भूमि के अभिलेख जुटाने को समिति गठित
मंदिर की कोटा (राजस्थान) में 90 से 100 बीघा भूमि के अभिलेख उपलब्ध न होने पर चिंता जताई गई। भूमि अधिग्रहण और दस्तावेज संकलन के लिए एडीएम फाइनेंस पंकज वर्मा के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है, जो राजस्थान जाकर कार्रवाई करेगी।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारी, पुरातत्व विशेषज्ञ तथा गोस्वामी समाज के प्रतिनिधि सहित अनेक वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।
























