ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
हिंदू धर्म में स्वास्तिक का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना गया है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले स्वास्तिक की पूजा करना परंपरागत रूप से अनिवार्य माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य सफल होता है और शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
स्वास्तिक और वास्तु
- वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक को शुभ और ऊर्जा संतुलन का प्रतीक माना गया है।
- इसकी आकृति हर दिशा से समान दिखाई देती है, इसलिए इसे स्थिरता और संतुलन का सूचक कहा गया है।
- घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर धातु का स्वास्तिक और बीच में तांबे का प्रयोग करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
- पंचधातु का स्वास्तिक जीवन में उतारकर फ्रेम में लगाना शुभ माना गया है।
- चांदी में नवरत्न जड़ित स्वास्तिक को पूर्व दिशा में लगाने से वास्तु दोष दूर होता है और लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
उपाय
1. पहला उपाय — नकारात्मक ऊर्जा दूर करें
9 अंगुल लंबा-चौड़ा स्वास्तिक सिंदूर से बनाएं। मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है।
2. दूसरा उपाय — धार्मिक कार्यों में स्वास्तिक
- रोली, हल्दी या सिंदूर से बना स्वास्तिक मंगलकारी माना गया है।
- त्योहारों पर गेट पर कुमकुम या रंगोली से स्वास्तिक बनाने से देवी-देवताओं का घर में प्रवेश होता है।
- गुरु पुष्य या रवि पुष्य में बनाया गया स्वास्तिक मानसिक शांति देता है।
3. तीसरा उपाय — व्यापार वृद्धि के लिए
- गुरुवार को ईशान कोण को गंगाजल से धोकर सूखी हल्दी से स्वास्तिक बनाएं और पूजा करें।
- इसके बाद गुड़ का आधा तोला चढ़ाएं—व्यापार में लाभ माना जाता है।
- कार्यस्थल की उत्तर दिशा में हल्दी का स्वास्तिक बनाना अत्यंत शुभ होता है।
4. चौथा उपाय — देवता की प्रसन्नता
स्वास्तिक पर रखी देवता की मूर्ति शीघ्र प्रसन्न होती है।
घर में पूजास्थल पर देव प्रतिमा के नीचे स्वास्तिक बनाना अत्यंत फलदायक माना गया है।
5. पाँचवाँ उपाय — मनोकामना पूर्ति
- स्वास्तिक पर पंच अनाज या दीपक रखें, मनोकामनाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं।
- इच्छा सिद्धि के लिए मंदिर में गोबर या कंकू से उल्टा स्वास्तिक बनाएं।
- इच्छा पूरी होने पर सीधा स्वास्तिक बनाएं।
6. छठा उपाय — अच्छी नींद के लिए
रात में सोने से पहले तर्जनी से स्वास्तिक बनाकर सोएँ। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और बुरे सपने दूर रहते हैं।
7. सातवां उपाय — संजा में स्वास्तिक
पितृ पक्ष में लड़कियाँ संजा बनाते समय गोबर से स्वास्तिक बनाती हैं।
मान्यता है कि इससे घर में सुख-शांति आती है और पितृ प्रसन्न होते हैं।
8. आठवां उपाय — घर की समृद्धि
- सुबह घर साफ करके स्नान के बाद देहली की पूजा करें।
- देहली के दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं और चावल का ढेर बनाकर उस पर कलवा बंधी सुपारी रखें।
- यह उपाय धन और समृद्धि लाने वाला माना गया है।
9. नौवां उपाय — लाल और पीले स्वास्तिक का महत्व
- हल्दी से बना पीला स्वास्तिक ईशान या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाने से घर में शांति बनी रहती है।
- मांगलिक कार्यों में लाल स्वास्तिक शुभ माना जाता है।
इसके लिए केसर, सिंदूर, रोली या कुंकुम का उपयोग करें।





















