रत्न पहनने के बाद भी क्यों नहीं मिलता लाभ, जानिए नीलम रत्न के बारे में
डॉ. उमाशंकर मिश्र,लखनऊ : ज्योतिष विद्या में रत्नों का महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन यह बहुत जरूरी है कि रत्न आपकी कुंडली के अनुसार सही प्रकार से धारण किया जाए। नीलम रत्न, जो कि शनि ग्रह से संबंधित है, अक्सर यह चर्चा में रहता है कि इसे पहनने से तुरंत प्रभाव दिखाई देता है – या तो यह आपको समृद्ध बना देता है या फिर दरिद्रता का कारण बनता है। परंतु ऐसी कोई विशेषता नहीं होती, क्योंकि कोई भी रत्न कुंडली के हिसाब से ही निर्धारित होता है। सही रत्न के निर्धारण के बाद भी अगर परिणाम नहीं मिलते तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं।
नीलम कब और क्यों नहीं करता है असर – सात सावधानियां
- नीलम धारण करने के बाद प्रत्येक शनिवार और शनि नक्षत्रों में अन्न दान जरूर करें।
- शनिवार के दिन मदिरा और तामसिक भोजन का त्याग करें।
- विकलांग लोगों के प्रति सेवा भाव रखें।
- घर के वृद्ध लोगों के प्रति आदरपूर्ण व्यवहार रखें।
- प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे शनिवार को रत्न को दूध, घी, गंगाजल, तिल और मिश्री मिले जल से अभिसिंचित करें।
- रत्न का शम्मी के लकड़ी से 108 बार “ॐ शन्नो देवीरभिष्ट्यः आपोभवन्तुपीतये शंय्योरभिस्रवन्तुनः” मंत्र का उच्चारण करते हुए अभिषेक करें। इससे रत्न जागृत होगा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
- नीलम धारण करने के बाद किसी को झूठा आश्वासन न दें, वरना इसके दुष्परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
- सावधानी और सही विधि से नीलम रत्न का प्रभाव बेहतर रूप से देखा जा सकता है।