• लखनऊ
  • देश
  • प्रदेश
  • क्राइम
  • राजनीतिक-सामाजिक
  • सोशल ट्रेंडिंग
Friday, May 9, 2025
  • Login
Samwaddata
  • Home
  • लखनऊ
  • देश
  • प्रदेश
    • अयोध्या
    • अमेठी
    • बाराबंकी
    • रायबरेली
    • सीतापुर
  • राजनीतिक-सामाजिक
  • ऑपरेशन सिंदूर2025
  • क्राइम
  • शिक्षा / करियर
  • बिज़नेस
  • मनोरंजन
    • सोशल ट्रेंडिंग
  • धर्म-कर्म/राशिफल
No Result
View All Result
  • Home
  • लखनऊ
  • देश
  • प्रदेश
    • अयोध्या
    • अमेठी
    • बाराबंकी
    • रायबरेली
    • सीतापुर
  • राजनीतिक-सामाजिक
  • ऑपरेशन सिंदूर2025
  • क्राइम
  • शिक्षा / करियर
  • बिज़नेस
  • मनोरंजन
    • सोशल ट्रेंडिंग
  • धर्म-कर्म/राशिफल
No Result
View All Result
Samwaddata
No Result
View All Result
  • Home
  • लखनऊ
  • देश
  • प्रदेश
  • महाकुंभ 2025
  • राजनीतिक-सामाजिक
  • शिक्षा / करियर
  • धर्म-कर्म/राशिफल
  • क्राइम
  • सीतापुर
  • Disclaimer
  • About Us

Home » पितृ नाराज तो चाहे गुरु बनाएं या करें 24 घंटे पूजा-पाठ, सब बेकार

पितृ नाराज तो चाहे गुरु बनाएं या करें 24 घंटे पूजा-पाठ, सब बेकार

संवाददाता न्यूज़ by संवाददाता न्यूज़
September 16, 2024 3:44 pm

पितृपक्ष श्राद्ध आरंभ, 17 सितंबर पूर्णि मा से पितृ पक्ष का का समापन पितृ विसर्जन अमावस्या 2 अक्टूबर को

ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र, लखनऊः पितरों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी आप सभी के बीच रखने का प्रयास कर रहा हूँ ।इसे पूरा अवश्य पढ़े क्योंकि पढ़ने से भी पितरों को शांति मिलती है। पितृ नाराज तो चाहे गुरु बनाएँ या करे 24 घंटे पूजा-पाठ, सब बेकार। जाने उन्हें खुश करने के उपाय।

पूर्णिमा श्राद्ध -17/9/2024 मंगलवार

(1)– प्रतिपदा श्राद्ध – 18/9/2024 बुधवार
(2 )— द्वितीया श्राद्ध – 19/9/2024 गुरुवार
(3)– तृतीया श्राद्ध – 20/9/2024 शुक्रवार
(4 )— चतुर्थी श्राद्ध- 21/9/2024 शनिवार
(5 )— पंचमी श्राद्ध- 22/9/2024 रविवार
(6)— षष्ठी श्राद्ध- 23/9/2024 सोमवार
(7)— सप्तमी श्राद्ध- 24/9/2024 मंगलवार
(8 )—अष्टमी श्राद्ध- 25/9/2024 बुधवार
(9)—- नवमी श्राद्ध- 26/9/2024 गुरुवार
(10)— दशमी श्राद्ध- 27/9/2024 शुक्रवार
(11)— एकादशी श्राद्ध- 28/9/2024 शनिवार
(12)— द्वादशी श्राद्ध- 29/9/2024 रविवार
(13)— त्रयोदशी श्राद्ध- 30/9 /2024 सोमवार
(14 )— चतुर्दशी श्राद्ध- 1/10/ 2024 मंगलवार
(15)—- सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध 02//102024 बुधवार

घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय

बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत करती विस्तृत प्रस्तुति

पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने कोई ना कोई उपकार हमारे जीवन के लिए किया है मनुष्य लोक से ऊपर पितृ लोक है,पितृ लोक के ऊपर सूर्य लोक है एवं इस से भी ऊपर स्वर्ग लोक है।
आत्मा जब अपने शरीर को त्याग कर सबसे पहले ऊपर उठती है तो वह पितृ लोक में जाती है ,वहाँ हमारे पूर्वज मिलते हैं अगर उस आत्मा के अच्छे पुण्य हैं तो ये हमारे पूर्वज भी उसको प्रणाम कर अपने को धन्य मानते हैं की इस अमुक आत्मा ने हमारे कुल में जन्म लेकर हमें धन्य किया इसके आगे आत्मा अपने पुण्य के आधार पर सूर्य लोक की तरफ बढती है।
वहाँ से आगे ,यदि और अधिक पुण्य हैं, तो आत्मा सूर्य लोक को भेज कर स्वर्ग लोक की तरफ चली जाती है,लेकिन करोड़ों में एक आध आत्मा ही ऐसी होती है ,जो परमात्मा में समाहित होती है जिसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता मनुष्य लोक एवं पितृ लोक में बहुत सारी आत्माएं पुनः अपनी इच्छा वश ,मोह वश अपने कुल में जन्म लेती हैं।
पितृ दोष क्या होता है?
हमारे ये ही पूर्वज सूक्ष्म व्यापक शरीर से अपने परिवार को जब देखते हैं ,और महसूस करते हैं कि हमारे परिवार के लोग ना तो हमारे प्रति श्रद्धा रखते हैं और न ही इन्हें कोई प्यार या स्नेह है और ना ही किसी भी अवसर पर ये हमको याद करते हैं,ना ही अपने ऋण चुकाने का प्रयास ही करते हैं तो ये आत्माएं दुखी होकर अपने वंशजों को श्राप दे देती हैं,जिसे “पितृ- दोष” कहा जाता है।

पितृ दोष एक अदृश्य बाधा है .ये बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं ,आपके आचरण से,किसी परिजन द्वारा की गयी गलती से ,श्राद्ध आदि कर्म ना करने से ,अंत्येष्टि कर्म आदि में हुई किसी त्रुटि के कारण भी हो सकता है।

इसके अलावा मानसिक अवसाद,व्यापार में नुक्सान ,परिश्रम के अनुसार फल न मिलना , विवाह या वैवाहिक जीवन में समस्याएं,कैरिअर में समस्याएं या संक्षिप्त में कहें तो जीवन के हर क्षेत्र में व्यक्ति और उसके परिवार को बाधाओं का सामना करना पड़ता है पितृ दोष होने पर अनुकूल ग्रहों की स्थिति ,गोचर ,दशाएं होने पर भी शुभ फल नहीं मिल पाते,कितना भी पूजा पाठ ,देवी ,देवताओं की अर्चना की जाए ,उसका शुभ फल नहीं मिल पाता।

पितृ दोष दो प्रकार से प्रभावित करता है*

1.अधोगति वाले पितरों के कारण
2.उर्ध्वगति वाले पितरों के कारण

अधोगति वाले पितरों के दोषों का मुख्य कारण परिजनों द्वारा किया गया गलत आचरण,की अतृप्त इच्छाएं ,जायदाद के प्रति मोह और उसका गलत लोगों द्वारा उपभोग होने पर,विवाहादिमें परिजनों द्वारा गलत निर्णय .परिवार के किसी प्रियजन को अकारण कष्ट देने पर पितर क्रुद्ध हो जाते हैं ,परिवार जनों को श्राप दे देते हैं और अपनी शक्ति से नकारात्मक फल प्रदान करते हैं।

उर्ध्व गति वाले पितर सामान्यतः पितृदोष उत्पन्न नहीं करते ,परन्तु उनका किसी भी रूप में अपमान होने पर अथवा परिवार के पारंपरिक रीति-रिवाजों का निर्वहन नहीं करने पर वह पितृदोष उत्पन्न करते हैं।

इनके द्वारा उत्पन्न पितृदोष से व्यक्ति की भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति बिलकुल बाधित हो जाती है ,फिर चाहे कितने भी प्रयास क्यों ना किये जाएँ ,कितने भी पूजा पाठ क्यों ना किये जाएँ,उनका कोई भी कार्य ये पितृदोष सफल नहीं होने देता। पितृ दोष निवारण के लिए सबसे पहले ये जानना ज़रूरी होता है कि किस गृह के कारण और किस प्रकार का पितृ दोष उत्पन्न हो रहा है ?

जन्म पत्रिका और पितृ दोष जन्म पत्रिका में लग्न ,पंचम ,अष्टम और द्वादश भाव से पितृदोष का विचार किया जाता है। पितृ दोष में ग्रहों में मुख्य रूप से सूर्य, चन्द्रमा, गुरु, शनि और राहू -केतु की स्थितियों से पितृ दोष का विचार किया जाता है।

इनमें से भी गुरु ,शनि और राहु की भूमिका प्रत्येक पितृ दोष में महत्वपूर्ण होती है इनमें सूर्य से पिता या पितामह , चन्द्रमा से माता या मातामह ,मंगल से भ्राता या भगिनी और शुक्र से पत्नी का विचार किया जाता है।

अधिकाँश लोगों की जन्म पत्रिका में मुख्य रूप से क्योंकि गुरु ,शनि और राहु से पीड़ित होने पर ही पितृ दोष उत्पन्न होता है ,इसलिए विभिन्न उपायों को करने के साथ साथ व्यक्ति यदि पंचमुखी ,सातमुखी और आठ मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर ले , तो पितृ दोष का निवारण शीघ्र हो जाता है।

पितृ दोष निवारण के लिए इन रुद्राक्षों को धारण करने के अतिरिक्त इन ग्रहों के अन्य उपाय जैसे मंत्र जप और स्तोत्रों का पाठ करना भी श्रेष्ठ होता है।

विभिन्न ऋण और पितृ दोष*

हमारे ऊपर मुख्य रूप से 5 ऋण होते हैं जिनका कर्म न करने(ऋण न चुकाने पर ) हमें निश्चित रूप से श्राप मिलता है ,ये ऋण हैं : मातृ ऋण ,पितृ ऋण ,मनुष्य ऋण ,देव ऋण और ऋषि ऋण।

मातृ ऋण

माता एवं माता पक्ष के सभी लोग जिनमेंमा,मामी ,नाना ,नानी ,मौसा ,मौसी और इनके तीन पीढ़ी के पूर्वज होते हैं ,क्योंकि माँ का स्थान परमात्मा से भी ऊंचा माना गया है अतः यदि माता के प्रति कोई गलत शब्द बोलता है ,अथवा माता के पक्ष को कोई कष्ट देता रहता है,तो इसके फलस्वरूप उसको नाना प्रकार के कष्ट भोगने पड़ते हैं। इतना ही नहीं ,इसके बाद भी कलह और कष्टों का दौर भी परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता ही रहता है।

पितृ ऋण

पिता पक्ष के लोगों जैसे बाबा ,ताऊ ,चाचा, दादा-दादी और इसके पूर्व की तीन पीढ़ी का श्राप हमारे जीवन को प्रभावित करता है पिता हमें आकाश की तरह छत्रछाया देता है,हमारा जिंदगी भर पालन -पोषण करता है ,और अंतिम समय तक हमारे सारे दुखों को खुद झेलता रहता है।

पर आज के के इस भौतिक युग में पिता का सम्मान क्या नयी पीढ़ी कर रही है ?पितृ -भक्ति करना मनुष्य का धर्म है ,इस धर्म का पालन न करने पर उनका श्राप नयी पीढ़ी को झेलना ही पड़ता है ,इसमें घर में आर्थिक अभाव,दरिद्रता ,संतानहीनता ,संतान को विभिन्न प्रकार के कष्ट आना या संतान अपंग रह जाने से जीवन भर कष्ट की प्राप्ति आदि।

देव ऋण

माता-पिता प्रथम देवता हैं,जिसके कारण भगवान गणेश महान बने |इसके बाद हमारे इष्ट भगवान शंकर जी ,दुर्गा माँ ,भगवान विष्णु आदि आते हैं ,जिनको हमारा कुल मानता आ रहा है ,हमारे पूर्वज भी भी अपने अपने कुल देवताओं को मानते थे , लेकिन नयी पीढ़ी ने बिलकुल छोड़ दिया है इसी कारण भगवान /कुलदेवी /कुलदेवता उन्हें नाना प्रकार के कष्ट /श्राप देकर उन्हें अपनी उपस्थिति का आभास कराते हैं।

ऋषि ऋण

जिस ऋषि के गोत्र में पैदा हुए ,वंश वृद्धि की ,उन ऋषियों का नाम अपने नाम के साथ जोड़ने में नयी पीढ़ी कतराती है ,उनके ऋषि तर्पण आदि नहीं करती है इस कारण उनके घरों में कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं,इसलिए उनका श्राप पीडी दर पीढ़ी प्राप्त होता रहता है।

मनुष्य ऋण

माता -पिता के अतिरिक्त जिन अन्य मनुष्यों ने हमें प्यार दिया ,दुलार दिया ,हमारा ख्याल रखा ,समय समय पर मदद की गाय आदि पशुओं का दूध पिया जिन अनेक मनुष्यों ,पशुओं ,पक्षियों ने हमारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की ,उनका ऋण भी हमारे ऊपर हो गया।

***लेकिन लोग आजकल गरीब ,बेबस ,लाचार लोगों की धन संपत्ति हरण करके अपने को ज्यादा गौरवान्वित महसूस करते हैं। इसी कारण देखने में आया है कि ऐसे लोगों का पूरा परिवार जीवन भर नहीं बस पाता है,वंश हीनता ,संतानों का गलत संगति में पड़ जाना,परिवार के सदस्यों का आपस में सामंजस्य न बन पाना ,परिवार कि सदस्यों का किसी असाध्य रोग से ग्रस्त रहना इत्यादि दोष उस परिवार में उत्पन्न हो जाते हैं।

***ऐसे परिवार को पितृ दोष युक्त या शापित परिवार कहा जाता है रामायण में श्रवण कुमार के माता -पिता के श्राप के कारण दशरथ के परिवार को हमेशा कष्ट झेलना पड़ा,ये जग -ज़ाहिर है इसलिए परिवार कि सर्वोन्नती के पितृ दोषों का निवारण करना बहुत आवश्यक है।

पितृों के रूष्ट होने के लक्षण

पितरों के रुष्ट होने के कुछ असामान्‍य लक्षण जो मैंने अपने निजी अनुभव के आधार एकत्रित किए है वे क्रमशः इस प्रकार हो सकते है।

खाने में से बाल निकलना

**अक्सर खाना खाते समय यदि आपके भोजन में से बाल निकलता है तो इसे नजरअंदाज न करें

**बहुत बार परिवार के किसी एक ही सदस्य के साथ होता है कि उसके खाने में से बाल निकलता है, यह बाल कहां से आया इसका कुछ पता नहीं चलता। यहां तक कि वह व्यक्ति यदि रेस्टोरेंट आदि में भी जाए तो वहां पर भी उसके ही खाने में से बाल निकलता है और परिवार के लोग उसे ही दोषी मानते हुए उसका मजाक तक उडाते है।


बदबू या दुर्गंध

कुछ लोगों की समस्या रहती है कि उनके घर से दुर्गंध आती है, यह भी नहीं पता चलता कि दुर्गंध कहां से आ रही है। कई बार इस दुर्गंध के इतने अभ्‍यस्‍त हो जाते है कि उन्हें यह दुर्गंध महसूस भी नहीं होती लेकिन बाहर के लोग उन्हें बताते हैं कि ऐसा हो रहा है अब जबकि परेशानी का स्रोत पता ना चले तो उसका इलाज कैसे संभव है

पूर्वजों का स्वप्न में बार बार आना

***मेरे एक मित्र ने बताया कि उनका अपने पिता के साथ झगड़ा हो गया है और वह झगड़ा काफी सालों तक चला पिता ने मरते समय अपने पुत्र से मिलने की इच्छा जाहिर की परंतु पुत्र मिलने नहीं आया, पिता का स्वर्गवास हो गया हुआ। कुछ समय पश्चात मेरे मित्र मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि उन्होंने अपने पिता को बिना कपड़ों के देखा है ऐसा स्‍वप्‍न पहले भी कई बार आ चुका है।

शुभ कार्य में अड़चन

***कभी-कभी ऐसा होता है कि आप कोई त्यौहार मना रहे हैं या कोई उत्सव आपके घर पर हो रहा है ठीक उसी समय पर कुछ ना कुछ ऐसा घटित हो जाता है कि जिससे रंग में भंग डल जाता है। ऐसी घटना घटित होती है कि खुशी का माहौल बदल जाता है। मेरे कहने का तात्‍पर्य है कि शुभ अवसर पर कुछ अशुभ घटित होना पितरों की असंतुष्टि का संकेत है।

  • घर के किसी एक सदस्य का कुंवारा रह जाना

***बहुत बार आपने अपने आसपास या फिर रिश्‍तेदारी में देखा होगा या अनुभव किया होगा कि बहुत अच्‍छा युवक है, कहीं कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी शादी नहीं हो रही है। एक लंबी उम्र निकल जाने के पश्चात भी शादी नहीं हो पाना कोई अच्‍छा संकेत नहीं है। यदि घर में पहले ही किसी कुंवारे व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है तो उपरोक्त स्थिति बनने के आसार बढ़ जाते हैं। इस समस्‍या के कारण का भी पता नहीं चलता।

मकान या प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त में दिक्कत आना

***आपने देखा होगा कि कि एक बहुत अच्छी प्रॉपर्टी, मकान, दुकान या जमीन का एक हिस्सा किन्ही कारणों से बिक नहीं पा रहा यदि कोई खरीदार मिलता भी है तो बात नहीं बनती। यदि कोई खरीदार मिल भी जाता है और सब कुछ हो जाता है तो अंतिम समय पर सौदा कैंसिल हो जाता है। इस तरह की स्थिति यदि लंबे समय से चली आ रही है तो यह मान लेना चाहिए कि इसके पीछे अवश्य ही कोई ऐसी कोई अतृप्‍त आत्‍मा है जिसका उस भूमि या जमीन के टुकड़े से कोई संबंध रहा हो।

संतान ना होना

***मेडिकल रिपोर्ट में सब कुछ सामान्य होने के बावजूद संतान सुख से वंचित है हालांकि आपके पूर्वजों का इस से संबंध होना लाजमी नहीं है परंतु ऐसा होना बहुत हद तक संभव है जो भूमि किसी निसंतान व्यक्ति से खरीदी गई हो वह भूमि अपने नए मालिक को संतानहीन बना देती है

***उपरोक्त सभी प्रकार की घटनाएं या समस्याएं आप में से बहुत से लोगों ने अनुभव की होंगी इसके निवारण के लिए लोग समय और पैसा नष्ट कर देते हैं परंतु समस्या का समाधान नहीं हो पाता। क्या पता हमारे इस लेख से ऐसे ही किसी पीड़ित व्यक्ति को कुछ प्रेरणा मिले इसलिए निवारण भी स्पष्ट कर रहा हूं।

पितृ दोष कि शांति के उपाय

  1. सामान्य उपायों में षोडश पिंड दान ,सर्प पूजा ,ब्राह्मण को गौ -दान ,कन्या -दान,कुआं ,बावड़ी ,तालाब आदि बनवाना ,मंदिर प्रांगण में पीपल ,बड़(बरगद) आदि देव वृक्ष लगवाना एवं विष्णु मन्त्रों का जाप आदि करना ,प्रेत श्राप को दूर करने के लिए श्रीमद्द्भागवत का पाठ करना चाहिए।

2.वेदों और पुराणों में पितरों की संतुष्टि के लिए मंत्र ,स्तोत्र एवं सूक्तों का वर्णन है जिसके नित्य पठन से किसी भी प्रकार की पितृ बाधा क्यों ना हो ,शांत हो जाती है अगर नित्य पठन संभव ना हो , तो कम से कम प्रत्येक माह की अमावस्या और आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या अर्थात पितृपक्ष में अवश्य करना चाहिए।
वैसे तो कुंडली में किस प्रकार का पितृ दोष है उस पितृ दोष के प्रकार के हिसाब से पितृदोष शांति करवाना अच्छा होता है।

3 भगवान भोलेनाथ की तस्वीर या प्रतिमा के समक्ष बैठ कर या घर में ही भगवान भोलेनाथ का ध्यान कर निम्न मंत्र की एक माला नित्य जाप करने से समस्त प्रकार के पितृ- दोष संकट बाधा आदि शांत होकर शुभत्व की प्राप्ति होती है |मंत्र जाप प्रातः या सायंकाल कभी भी कर सकते हैं :

मंत्र : “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।

4👉 अमावस्या को पितरों के निमित्त पवित्रता पूर्वक बनाया गया भोजन तथा चावल बूरा ,घी एवं एक रोटी गाय को खिलाने से पितृ दोष शांत होता है।

5👉 अपने माता -पिता ,बुजुर्गों का सम्मान,सभी स्त्री कुल का आदर /सम्मान करने और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहने से पितर हमेशा प्रसन्न रहते हैं।

6👉 पितृ दोष जनित संतान कष्ट को दूर करने के लिए “हरिवंश पुराण ” का श्रवण करें या स्वयं नियमित रूप से पाठ करें।

7👉 प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती या सुन्दर काण्ड का पाठ करने से भी इस दोष में कमी आती है।

8👉 सूर्य पिता है अतः ताम्बे के लोटे में जल भर कर ,उसमें लाल फूल ,लाल चन्दन का चूरा ,रोली आदि डाल कर सूर्य देव को अर्घ्य देकर ११ बार “ॐ घृणि सूर्याय नमः ” मंत्र का जाप करने से पितरों की प्रसन्नता एवं उनकी ऊर्ध्व गति होती है।

9👉 अमावस्या वाले दिन अवश्य अपने पूर्वजों के नाम दुग्ध ,चीनी ,सफ़ेद कपडा ,दक्षिणा आदि किसी मंदिर में अथवा किसी योग्य ब्राह्मण को दान करना चाहिए।

10👉 पितृ पक्ष में पीपल की परिक्रमा अवश्य करें अगर १०८ परिक्रमा लगाई जाएँ ,तो पितृ दोष अवश्य दूर होगा।

🌸विशिष्ट उपाय :

1👉 किसी मंदिर के परिसर में पीपल अथवा बड़ का वृक्ष लगाएं और रोज़ उसमें जल डालें ,उसकी देख -भाल करें ,जैसे-जैसे वृक्ष फलता -फूलता जाएगा,पितृ -दोष दूर होता जाएगा,क्योकि इन वृक्षों पर ही सारे देवी -देवता ,इतर -योनियाँ ,पितर आदि निवास करते हैं।

2👉 यदि आपने किसी का हक छीना है,या किसी मजबूर व्यक्ति की धन संपत्ति का हरण किया है,तो उसका हक या संपत्ति उसको अवश्य लौटा दें।

3👉 पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी एक अमावस्या से लेकर दूसरी अमावस्या तक अर्थात एक माह तक किसी पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय काल में एक शुद्ध घी का दीपक लगाना चाहिए,ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।

एक माह बीतने पर जो अमावस्या आये उस दिन एक प्रयोग और करें

***इसके लिए किसी देसी गाय या दूध देने वाली गाय का थोडा सा गौ -मूत्र प्राप्त करें उसे थोड़े जल में मिलाकर इस जल को पीपल वृक्ष की जड़ों में डाल दें इसके बाद पीपल वृक्ष के नीचे ५ अगरबत्ती ,एक नारियल और शुद्ध घी का दीपक लगाकर अपने पूर्वजों से श्रद्धा पूर्वक अपने कल्याण की कामना करें,और घर आकर उसी दिन दोपहर में कुछ गरीबों को भोजन करा दें ऐसा करने पर पितृ दोष शांत हो जायेगा।

4👉 घर में कुआं हो या पीने का पानी रखने की जगह हो ,उस जगह की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें,क्योंके ये पितृ स्थान माना जाता है इसके अलावा पशुओं के लिए पीने का पानी भरवाने तथा प्याऊ लगवाने अथवा आवारा कुत्तों को जलेबी खिलाने से भी पितृ दोष शांत होता है।

5 👉 अगर पितृ दोष के कारण अत्यधिक परेशानी हो,संतान हानि हो या संतान को कष्ट हो तो किसी शुभ समय अपने पितरों को प्रणाम कर उनसे प्रण होने की प्रार्थना करें और अपने द्वारा जाने-अनजाने में किये गए अपराध / उपेक्षा के लिए क्षमा याचना करें ,फिर घर अथवा शिवालय में पितृ गायत्री मंत्र का सवा लाख विधि से जाप कराएं जाप के उपरांत दशांश हवन के बाद संकल्प ले की इसका पूर्ण फल पितरों को प्राप्त हो ऐसा करने से पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं ,क्योंके उनकी मुक्ति का मार्ग आपने प्रशस्त किया होता है।

6👉 पितृ दोष की शांति हेतु ये उपाय बहुत ही अनुभूत और अचूक फल देने वाला देखा गया है,वोह ये कि- किसी गरीब की कन्या के विवाह में गुप्त रूप से अथवा प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहयोग करना |(लेकिन ये सहयोग पूरे दिल से होना चाहिए ,केवल दिखावे या अपनी बढ़ाई कराने के लिए नहीं )|इस से पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं ,क्योंकि इसके परिणाम स्वरुप मिलने वाले पुण्य फल से पितरों को बल और तेज़ मिलता है ,जिस से वह ऊर्ध्व लोकों की ओरगति करते हुए पुण्य लोकों को प्राप्त होते हैं.|

7👉 अगर किसी विशेष कामना को लेकर किसी परिजन की आत्मा पितृ दोष उत्पन्न करती है तो तो ऐसी स्थिति में मोह को त्याग कर उसकी सदगति के लिए “गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र ” का पाठ करना चाहिए।

8👉 पितृ दोष दूर करने का अत्यंत सरल उपाय : इसके लिए सम्बंधित व्यक्ति को अपने घर के वायव्य कोण (N -W )में नित्य सरसों का तेल में बराबर मात्रा में अगर का तेल मिलाकर दीपक पूरे पितृ पक्ष में नित्य लगाना चाहिए+दिया पीतल का हो तो ज्यादा अच्छा है ,दीपक कम से कम 10 मिनट नित्य जलना आवश्यक है।

इन उपायों के अतिरिक्त वर्ष की प्रत्येक अमावस्या को दोपहर के समय गूगल की धूनी पूरे घर में सब जगह घुमाएं ,शाम को आंध्र होने के बाद पितरों के निमित्त शुद्ध भोजन बनाकर एक दोने में साड़ी सामग्री रख कर किसी बबूल के वृक्ष अथवा पीपल या बड़ किजद में रख कर आ जाएँ,पीछे मुड़कर न देखें। नित्य प्रति घर में देसी कपूर जाया करें। ये कुछ ऐसे उपाय हैं,जो सरल भी हैं और प्रभावी भी,और हर कोई सरलता से इन्हें कर पितृ दोषों से मुक्ति पा सकता है। लेकिन किसी भी प्रयोग की सफलता आपकी पितरों के प्रति श्रद्धा के ऊपर निर्भर करती है।

पितृदोष निवारण के लिए करें विशेष उपाय ( नारायणबलि त्रिपिंडी)

***अक्सर हम देखते हैं कि कई लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती। वे चाहे जितना भी समय और धन खर्च कर लें लेकिन काम सफल नहीं होता। ऐसे लोगों की कुंडली में निश्चित रूप से पितृदोष होता है।

**यह दोषी पीढ़ी दर पीढ़ी कष्ट पहुंचाता रहता है, जब तक कि इसका विधि-विधानपूर्वक निवारण न किया जाए। आने वाली पीढ़ीयों को भी कष्ट देता है। इस दोष के निवारण के लिए कुछ विशेष दिन और समय तय हैं जिनमें इसका पूर्ण निवारण होता है। श्राद्ध पक्ष यही अवसर है जब पितृदोष से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दोष के निवारण के लिए शास्त्रों में नारायणबलि का विधान बताया गया है। इसी तरह त्रिपिंडी भी होती है।

क्या है नारायणबलि और त्रिपिंडी

**नारायणबलि और त्रिपिंडी दोनों विधि मनुष्य की अपूर्ण इच्छाओं और अपूर्ण कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है। इसलिए दोनों को काम्य कहा जाता है। नारायणबलि और नागबलि दो अलग-अलग विधियां हैं। नारायणबलि का मुख्य उद्देश्य पितृदोष निवारण करना है और नागबलि का उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना है। इनमें से कोई भी एक विधि करने से उद्देश्य पूरा नहीं होता इसलिए दोनों को एक साथ ही संपन्न करना पड़ता है।

इन कारणों से की जाती है नारायणबलि पूजा

***जिस परिवार के किसी सदस्य या पूर्वज का ठीक प्रकार से अंतिम संस्कार, पिंडदान और तर्पण नहीं हुआ हो उनकी आगामी पीढि़यों में पितृदोष उत्पन्न होता है। ऐसे व्यक्तियों का संपूर्ण जीवन कष्टमय रहता है, जब तक कि पितरों के निमित्त नारायणबलि विधान न किया जाए।प्रेतयोनी से होने वाली पीड़ा दूर करने के लिए नारायणबलि की जाती है।परिवार के किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हुई हो। आत्महत्या, पानी में डूबने से, आग में जलने से, दुर्घटना में मृत्यु होने से ऐसा दोष उत्पन्न होता है।

क्यों की जाती है यह पूजा …?

***शास्त्रों में पितृदोष निवारण के लिए नारायणबलि-त्रिपिंडी कर्म करने का विधान है। यह कर्म किस प्रकार और कौन कर सकता है इसकी पूर्ण जानकारी होना भी जरूरी है। यह कर्म प्रत्येक वह व्यक्ति कर सकता है जो अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है। जिन जातकों के माता-पिता जीवित हैं वे भी यह विधान कर सकते हैं।संतान प्राप्ति, वंश वृद्धि, कर्ज मुक्ति, कार्यों में आ रही बाधाओं के निवारण के लिए यह कर्म पत्नी सहित करना चाहिए। यदि पत्नी जीवित न हो तो कुल के उद्धार के लिए पत्नी के बिना भी यह कर्म किया जा सकता है।यदि पत्नी गर्भवती हो तो गर्भ धारण से पांचवें महीने तक यह कर्म किया जा सकता है। घर में कोई भी मांगलिक कार्य हो तो ये कर्म एक साल तक नहीं किए जा सकते हैं। माता-पिता की मृत्यु होने पर भी एक साल तक यह कर्म करना निषिद्ध माना गया है।

कब नहीं की जा सकती है नारायणबलि त्रिपिंडी

**नारायणबलि गुरु, शुक्र के अस्त होने पर नहीं किए जाने चाहिए। लेकिन प्रमुख ग्रंथ निर्णण सिंधु के मतानुसार इस कर्म के लिए केवल नक्षत्रों के गुण व दोष देखना ही उचित है। नारायणबलि कर्म के लिए धनिष्ठा पंचक और त्रिपाद नक्षत्र को निषिद्ध माना गया है।धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरण, शततारका, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद एवं रेवती, इन साढ़े चार नक्षत्रों को धनिष्ठा पंचक कहा जाता है। कृतिका, पुनर्वसु, विशाखा, उत्तराषाढ़ा और उत्तराभाद्रपद ये छह नक्षत्र त्रिपाद नक्षत्र माने गए हैं। इनके अलावा सभी समय यह कर्म किया जा सकता है।

पितृपक्ष सर्वाधिक श्रेष्ठ समय

***नारायणबलि- त्रिपिंडी के लिए पितृपक्ष सर्वाधिक श्रेष्ठ समय बताया गया है। इसमें किसी योग्य पुरोहित से समय निकलवाकर यह कर्म करवाना चाहिए। यह कर्म गंगा तट अथवा अन्य किसी नदी सरोवर के किनारे में भी संपन्न कराया जाता है। संपूर्ण पूजा तीन दिनों की होती है।

Tags: dharmiklucknow news
Previous Post

अनंत चतुर्दशी के व्रत से 14 साल तक अनंत फल होता है प्राप्त

Next Post

रिस्पांस व्हीकल का 500 की घूस में गजब का ’रिस्पांस’, युवक को पीट गाड़ी से उठा ले गए पुलिसकर्मी, पैसा लेने के बाद छोड़ा

संवाददाता न्यूज़

संवाददाता न्यूज़

Related Posts

राहगीरों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देने का माध्यम बनेंगे ई-वे हब, मिलेंगी ये सुविधाएं
देश

राहगीरों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देने का माध्यम बनेंगे ई-वे हब, मिलेंगी ये सुविधाएं

May 6, 2025 2:43 pm
कुपोषण के खिलाफ योगी सरकार की जंग, यूपी में 2.15 करोड़ को मिला पोषण का साथ
प्रदेश

कुपोषण के खिलाफ योगी सरकार की जंग, यूपी में 2.15 करोड़ को मिला पोषण का साथ

May 6, 2025 1:20 pm
यूपी में देर रात 14 आईपीएस अधिकारियों के तबादले, बदले कई जिलों के एसएसपी
प्रदेश

यूपी में देर रात 14 आईपीएस अधिकारियों के तबादले, बदले कई जिलों के एसएसपी

May 6, 2025 10:59 am
आंधी-बारिश और वज्रपात से प्रभावितों को तत्काल दें राहत : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
प्रदेश

सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आज, यूपी में अवैध पार्किंग पर पूरी तरह प्रतिबंध की तैयारी

May 6, 2025 10:50 am
कलियुग में हनुमान जी के 108 नामों का नियमित जाप करने से कटेंगे सभी कष्ट, बनेंगे सभी बिगड़े काम
धर्म-कर्म/राशिफल

कलियुग में हनुमान जी के 108 नामों का नियमित जाप करने से कटेंगे सभी कष्ट, बनेंगे सभी बिगड़े काम

May 6, 2025 10:31 am
आज का पंचांग
धर्म-कर्म/राशिफल

आज का पंचांग 06 मई 2025

May 6, 2025 10:17 am
Next Post
रिस्पांस व्हीकल का 500 की घूस में गजब का ’रिस्पांस', युवक को पीट गाड़ी से उठा ले गए पुलिसकर्मी, पैसा लेने के बाद छोड़ा

रिस्पांस व्हीकल का 500 की घूस में गजब का ’रिस्पांस', युवक को पीट गाड़ी से उठा ले गए पुलिसकर्मी, पैसा लेने के बाद छोड़ा

गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से लेकर बिहार सीमा तक जाएगा, प्रयागराज से मिर्जापुर और वाराणसी पहुंचना होगा आसान

गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से लेकर बिहार सीमा तक जाएगा, प्रयागराज से मिर्जापुर और वाराणसी पहुंचना होगा आसान

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Trending
  • Comments
  • Latest
मन की बात बहुत हुई, अब गन की बात करेंः राजेश सोनी

मन की बात बहुत हुई, अब गन की बात करेंः राजेश सोनी

April 24, 2025 11:14 pm
भरतनगर में 40 वर्ष बाद हाईटेंशन लाइन ने लोगों की खतम की टेंशन

भरतनगर में 40 वर्ष बाद हाईटेंशन लाइन ने लोगों की खतम की टेंशन

April 25, 2025 5:47 pm
भरतनगर में साईकिल लेकर भाग रहे चोर को बहादुर बालकों ने दौड़ाया, दबोचा गया

भरतनगर में साईकिल लेकर भाग रहे चोर को बहादुर बालकों ने दौड़ाया, दबोचा गया

May 2, 2025 7:42 pm
पहले नाम पूंछा फिर पैंट उतरवाई, लखनऊ मे धर्म पूंछ कर युवक की पिटाई

पहले नाम पूंछा फिर पैंट उतरवाई, लखनऊ मे धर्म पूंछ कर युवक की पिटाई

April 29, 2025 1:04 pm
सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ सिविल कोर्ट के वार्षिक चुनाव में हुए नामांकन

सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ सिविल कोर्ट के वार्षिक चुनाव में हुए नामांकन

April 9, 2025 7:16 pm
राजधानी में ही सर्राफा व्यापारी असुरक्षित, राजेश सोनी ने डीएम से लगाई सुरक्षा की गुहार

राजधानी में ही सर्राफा व्यापारी असुरक्षित, राजेश सोनी ने डीएम से लगाई सुरक्षा की गुहार

April 23, 2025 10:37 am
पुलिस अधिकारी बन खाते से चंपत किए 44,500 रुपये, साइबर सेल ने कराए वापस

पुलिस अधिकारी बन खाते से चंपत किए 44,500 रुपये, साइबर सेल ने कराए वापस

April 26, 2025 4:22 pm
जारी होने वाला है यूपी बोर्ड रिजल्ट, रोल नंबर से ऐसे चेक करें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम

जारी होने वाला है यूपी बोर्ड रिजल्ट, रोल नंबर से ऐसे चेक करें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम

April 25, 2025 11:33 am
हजीरा पोर्ट पर हमले की खबर फर्जी, पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब

हजीरा पोर्ट पर हमले की खबर फर्जी, पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब

May 9, 2025 10:21 am
भारत के हारोप ड्रोन ने लाहौर में तबाह किया पाकिस्तान का HQ-9P एयर डिफेंस सिस्टम

भारत के हारोप ड्रोन ने लाहौर में तबाह किया पाकिस्तान का HQ-9P एयर डिफेंस सिस्टम

May 9, 2025 9:00 am
हाई अलर्ट पर दिल्ली, सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द, अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात

हाई अलर्ट पर दिल्ली, सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द, अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात

May 9, 2025 8:34 am
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है नेपाल, ऑपरेशन सिंदूर पर नेपाल की प्रतिक्रिया

आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है नेपाल, ऑपरेशन सिंदूर पर नेपाल की प्रतिक्रिया

May 9, 2025 8:15 am
बीएसएफ का बड़ा फैसला: अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह अनिश्चितकाल के लिए बंद

बीएसएफ का बड़ा फैसला: अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह अनिश्चितकाल के लिए बंद

May 9, 2025 8:00 am
ऑपरेशन सिंदूर के बीच भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, सोनौली समेत कई ज़िलों में सुरक्षा सख्त

ऑपरेशन सिंदूर के बीच भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, सोनौली समेत कई ज़िलों में सुरक्षा सख्त

May 9, 2025 7:51 am
सीमा पर तनाव के बीच आइजी विकास कुमार पहुंचे जैसलमेर,अफवाहों पर ध्यान न देंने की की अपिल

सीमा पर तनाव के बीच आइजी विकास कुमार पहुंचे जैसलमेर,अफवाहों पर ध्यान न देंने की की अपिल

May 9, 2025 7:26 am
तनावपूर्ण हालात में सीएम भजनलाल सक्रिय, बॉर्डर जिलों में किए आरएएस अधिकारियों के तबादले

तनावपूर्ण हालात में सीएम भजनलाल सक्रिय, बॉर्डर जिलों में किए आरएएस अधिकारियों के तबादले

May 9, 2025 7:16 am
Samwaddata

Follow Us

Categories

Breaking News Videos अमेठी अयोध्या ऑपरेशन सिंदूर क्राइम खेल देश धर्म-कर्म/राशिफल प्रदेश बाराबंकी बिज़नेस मनोरंजन महाकुंभ 2025 राजनीतिक-सामाजिक रायबरेली लखनऊ शिक्षा / करियर सीतापुर सोशल ट्रेंडिंग

Recent News

हजीरा पोर्ट पर हमले की खबर फर्जी, पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब

हजीरा पोर्ट पर हमले की खबर फर्जी, पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब

May 9, 2025 10:21 am
भारत के हारोप ड्रोन ने लाहौर में तबाह किया पाकिस्तान का HQ-9P एयर डिफेंस सिस्टम

भारत के हारोप ड्रोन ने लाहौर में तबाह किया पाकिस्तान का HQ-9P एयर डिफेंस सिस्टम

May 9, 2025 9:00 am
  • Home
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • About Us

Copyright (c) www.samwaddata.com All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • लखनऊ
  • देश
  • प्रदेश
  • महाकुंभ 2025
  • राजनीतिक-सामाजिक
  • शिक्षा / करियर
  • धर्म-कर्म/राशिफल
  • क्राइम
  • सीतापुर
  • Disclaimer
  • About Us

Copyright (c) www.samwaddata.com All Rights Reserved

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In