ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
डॉ. उमाशंकर मिश्र,लखनऊ : महामृत्युंजय मंत्र का तात्पर्य है — मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला मंत्र। यह भगवान रूद्र का परम शक्तिशाली और अनुभूत मंत्र है। इसकी साधना केवल रोग-मुक्ति या अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए ही नहीं, अपितु जीवन की अनेक बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए भी की जाती है।
नीचे दिए गए हैं महामृत्युंजय मंत्र के आठ अद्भुत और प्रभावकारी प्रयोग:
1. स्वास्थ्य लाभ हेतु:
यदि आपका स्वास्थ्य बार-बार बिगड़ता है और सामान्य से अधिक बीमारियाँ घेरे रहती हैं, तो नियमित महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। निश्चय ही लाभ होगा।
2. जीवन संकट की स्थिति में:
गंभीर रोग या ऑपरेशन जैसी स्थिति में स्वयं या परिवारजन महामृत्युंजय जाप करें या किसी योग्य पंडित से अनुष्ठान कराएं।
3. बार-बार दुर्घटनाओं से पीड़ित लोगों के लिए:
यदि आपके जीवन में बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं या होती-होती बचती हैं, तो प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें। आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिलेंगे।
4. डर, भय व फोबिया से मुक्ति:
यदि आप मनोवैज्ञानिक डर, अनजाना भय या फोबिया से पीड़ित हैं, तो महामृत्युंजय जाप से मानसिक शांति और आत्मबल प्राप्त होता है।
5. दुर्घटनाओं से विशेष सुरक्षा उपाय:
एक सफेद कागज पर लाल पेन से महामृत्युंजय मंत्र लिखें, उसे पूजास्थल में एक दिन रखें, फिर वाहन चलाते समय अपनी ऊपर वाली जेब में रखें। यह सुरक्षा कवच का कार्य करेगा।
6. कालसर्प योग से राहत:
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प योग है और जीवन में बार-बार संघर्ष आते हैं, तो महामृत्युंजय मंत्र आपके लिए अमृत के समान सिद्ध हो सकता है।
7. चंद्र पीड़ा व मानसिक तनाव में उपयोगी:
कुंडली में चंद्रमा यदि पीड़ित या नीच हो, जिससे मानसिक समस्या उत्पन्न हो रही हो, तो मंत्र का नियमित जाप मन को स्थिरता व राहत प्रदान करता है।
8. घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने हेतु:
प्रतिदिन घर में इस मंत्र की ध्वनि लगाने या सुनने से समस्त नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और स्थान पवित्र रहता है।