भगवान विष्णु की पूजा और विशेष धार्मिक कार्यों का महत्व
नई दिल्ली : कार्तिक महीना भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय माना जाता है और इस महीने में की गई पूजा से उन्हें शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक महाबलशाली असुर का वध किया था, जिससे देवताओं को उसकी अत्याचारों से मुक्ति मिली। इस दिन को ‘हरि-हर’ की संयुक्त पूजा के रूप में मनाने की परंपरा भी है, जिसमें भगवान शिव और विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।
देव दीपावली का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का दिन देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है, और नदी-तालाब में दीपदान करने से सभी संकट समाप्त होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
क्या करें कार्तिक पूर्णिमा पर
- दीपदान: इस दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से तोरण बांधें और दीप जलाएं। इससे घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है।
- तुलसी पूजन: कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम के साथ तुलसी जी की पूजा करें। तुलसी के सामने दीपक जलाने से दरिद्रता दूर होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- दान: इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर दान करने से दस यज्ञों के समान पुण्य मिलता है। अपनी सामर्थ्यानुसार अन्न, वस्त्र और अन्य दान जरूर करें। इससे घर में धन और समृद्धि का वास होता है।
विशेष धार्मिक कार्य
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा, यज्ञ और हवन का भी अत्यधिक महत्व होता है। इन कार्यों को करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन से कष्ट समाप्त होते हैं।
निष्कर्ष
कार्तिक पूर्णिमा का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल भगवान विष्णु और शिव की पूजा का दिन है, बल्कि यह दिन समाज और परिवार के कल्याण के लिए भी विशेष है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों और दान से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।