देव दीपावली के दिन विशेष महत्व और धार्मिक मान्यताएँ
डॉ उमाशंकर मिश्र लखनऊ : देव दीपावल, जो कि इस साल 15 नवंबर को शुक्रवार को मनाई जा रही है, हिन्दू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन विशेष रूप से पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान का महत्व है, जिससे व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से गंगा स्नान को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। यदि संभव हो, तो इस दिन गंगा में स्नान करना चाहिए और उसके बाद दीपदान करना चाहिए, जिससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
तुलसी का पौधा लगाना शुभ
देव दीपावली के दिन घर में तुलसी का नया पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी जी को पीले रंग के दुपट्टे या चुन्नी से सजाना भी लाभकारी होता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और व्यापार या नौकरी में तरक्की होती है।
सत्यनारायण भगवान की कथा
देव दीपावली के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने या करवाने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ
देव दीपावली के दिन श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दीपक और पूजा विधि
इस दिन 11 आटे के दीपक बनाकर उन्हें शुद्ध देशी घी से भरें और प्रत्येक दीपक में लौंग, कपूर, और तेज पत्ते को बारीक पीसकर डालें। इन दीपकों को पीपल के पेड़ के नीचे जलाने और पेड़ की 11 परिक्रमा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। फिर इन दीपकों को घर के मुख्य स्थानों और तुलसी के पास रखें। माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
इस प्रकार, देव दीपावली का यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सुख-समृद्धि और भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।