29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारम्भ
डॉ उमाशंकर मिश्रा,लखनऊ : नवरात्रि का पर्व 30 मार्च 2025, रविवार से प्रारंभ हो रहा है। इस पर्व में माँ भगवती के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है जैसे – श्री शैलपुत्री, श्री ब्रह्मचारिणी, श्री चंद्रघंटा, श्री कुष्मांडा, श्री स्कंदमाता, श्री कात्यायनी, श्री कालरात्रि, श्री महागौरी, और श्री सिद्धिदात्री।
कलश / घट स्थापना विधि
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना विशेष महत्व रखती है। इस दिन को लेकर कुछ विशेष मुहूर्त भी निर्धारित किए गए हैं:
- शुभ मुहूर्त: 30 मार्च 2025, रविवार को सुबह 06:00 से 10:40 तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:19 से 01:08 तक
- कलश स्थापना के लिए तिथि: 30 मार्च, रविवार को प्रतिपदा तिथि दोपहर 2:14 तक रहेगी, तब तक कलश स्थापना की जा सकती है।
कलश स्थापना की विधि
- सामग्री:
- मिट्टी का पात्र (जौ बोने के लिए)
- शुद्ध मिट्टी
- जौ
- मिट्टी का कलश
- शुद्ध जल, गंगाजल
- मौली, इत्र, साबुत सुपारी, दूर्वा, पंचरत्न, सिक्के
- अशोक/आम के 5 पत्ते, नारियल, लाल कपड़ा, चावल
- विधि:
सबसे पहले मिट्टी के पात्र में जौ बोने के लिए एक परत मिट्टी की बिछाएं, फिर जौ की एक परत डालें और फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। इसी प्रकार जौ की परतें बिछाकर कलश के कंठ पर मौली बांधें। इसके बाद कलश में शुद्ध जल और गंगाजल भरें। कलश में साबुत सुपारी, दूर्वा, फूल, पंचरत्न, सिक्के, अशोक या आम के पत्ते डालें। कलश का मुख ढक्कन से बंद कर दें और चावल भर दें। इसके ऊपर नारियल रखें और नारियल पर लाल कपड़ा लपेटें। - पूजन:
कलश में देवी-देवताओं का आवाहन करें और दीपक जलाकर पूजन करें। कलश को धूपबत्ती, माला, फल, मिठाई और इत्र अर्पित करें। नवरात्रि के पहले दिन चौकी स्थापित करके माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र रखें और उनका पूजन करें।
नवरात्रि के दौरान विशेष पूजन विधि
- प्रतिदिन माँ भगवती को फूलों का हार अर्पित करें।
- दीपक जलाकर पूजा करें।
- विशेष भोग लगाएं और कन्या पूजन करें।
- यदि प्रतिदिन पूजा करना संभव न हो तो अष्टमी तिथि को विशेष पूजा करें, जिससे सभी कष्ट दूर होते हैं।
नवरात्रि में ध्यान रखने योग्य कुछ विशेष बातें
- नवरात्रि के प्रथम दिन अखंड ज्योत जलाना महत्वपूर्ण होता है।
- हर दिन विशेष भोग अर्पित करना और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के पूजन के लिए लाल रंग के कम्बल पर बैठकर पूजा करना उत्तम माना जाता है।
कन्या पूजन
श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार नवरात्रि के दौरान एक-एक कुमारी का पूजन करना चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस नवरात्रि माँ दुर्गा की पूजा से सभी कष्टों का नाश और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होगा।
भूलकर भी न करें ये काम
व्रत करने वाले साधक को भूलकर भी खाने में सफेद नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इसके स्थान पर सेंधा नमक का इस्तेमाल करें। नवरात्र की अवधि में तामसिक भोजन, शराब, मांस आदि से दूरी बनानी चाहिए। साथ ही इस पूरी अवधि में माता रानी की कृपा के लिए तन और मन की स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।