नक्षत्रों से संबंधित वृक्षों की पूजा करके व्यक्ति अपने नक्षत्र दोष को शांति प्रदान कर सकता है
डॉ. उमाशंकर मिश्र ,लखनऊ : ज्योतिष के अनुसार, 9 ग्रहों का प्रभाव न केवल मानव जीवन पर, बल्कि जीवों, पेड़-पौधों और सम्पूर्ण प्रकृति पर पड़ता है। प्रत्येक ग्रह का संबंध किसी न किसी नक्षत्र से होता है, और हर नक्षत्र का एक विशिष्ट वृक्ष होता है। नक्षत्रों से संबंधित वृक्षों की पूजा करके व्यक्ति अपने नक्षत्र दोष को शांति प्रदान कर सकता है। यदि जन्म नक्षत्र अथवा गोचर के समय कोई नक्षत्र पीड़ित चल रहा हो, तो उस नक्षत्र के वृक्ष की पूजा से राहत प्राप्त होती है।
नक्षत्रों के अनुसार संबंधित वृक्ष
(1) अश्विनी नक्षत्र — केला, आक, धतूरा
(2) भरणी नक्षत्र — केला, आंवला
(3) कृत्तिका नक्षत्र — गूलर
(4) रोहिणी नक्षत्र — जामुन
(5) मृगशिरा नक्षत्र — खैर
(6) आर्द्रा नक्षत्र — आम, बेल
(7) पुनर्वसु नक्षत्र — बांस
(8) पुष्य नक्षत्र — पीपल
(9) आश्लेषा नक्षत्र — नागकेसर, चंदन
(10) मघा नक्षत्र — बड़
(11) पूर्वा फाल्गुनी — ढाक
(12) उत्तराफाल्गुनी — बड़, पाकड़
(13) हस्त नक्षत्र — रीठा
(14) चित्रा नक्षत्र — बेल
(15) स्वाति नक्षत्र — अर्जुन
(16) विशाखा नक्षत्र — नीम
(17) अनुराधा नक्षत्र — मौलसिरी
(18) ज्येष्ठा नक्षत्र — रीठा
(19) मूल नक्षत्र — राल का पेड़
(20) पूर्वाषाढ़ा — मौलसिरी, जामुन
(21) उत्तराषाढ़ा — कटहल
(22) श्रवण — आक
(23) धनिष्ठा — शमी, सेमर
(24) शतभिषा — कदंब
(25) पूर्वाभाद्रपद — आम
(26) उत्तराभाद्रपद — पीपल, सोनपाठा
(27) रेवती — महुआ
विशेष निर्देश:
इन वृक्षों की पूजा करने से संबंधित नक्षत्रों के दोष दूर होते हैं। प्रतिदिन इन वृक्षों के दर्शन मात्र से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।