ट्रांसपोर्टर समेत बड़े नाम आएंगे सामने,जमीन के फर्जी बैनामे और अवैध कब्जे में लिप्त
बरेली,संवाददाता : जमीन के फर्जी बैनामे और अवैध कब्जे में लिप्त निलंबित लेखपाल सावन कुमार जायसवाल के गैंग का काला चिट्ठा अब एसएसपी अनुराग आर्य की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) खोलेगी। लेखपाल और उनके साथियों के फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ चुके हैं। तीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और दो नई शिकायतों की जांच जारी है। इसमें शहर के एक ट्रांसपोर्टर समेत कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। एसएसपी अनुराग आर्य ने लेखपाल गैंग के फर्जीवाड़े की जांच के लिए एसपी सिटी की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। टीम में बारादरी थाने के इंस्पेक्टर क्राइम अरविंद कुमार, एसएसआई रोहित शर्मा, भोजीपुरा थाने के दरोगा हितेश देवल, कैंट थाने के दरोगा सचिन और नितिन को शामिल किया गया है। यह टीम सभी शिकायतों और मुकदमों की एक साथ जांच करेगी और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। पिछले दिनों कैंट थाने में विम्मी मदान नामक महिला ने हिम्मत कोल्ड स्टोरेज की जमीन के फर्जी बैनामे को लेकर तीन मुकदमे दर्ज कराए थे। इन मामलों में भी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल की संलिप्तता सामने आई है। अब एसआईटी इन मुकदमों की गहनता से जांच करेगी और इन्हें अन्य मामलों के साथ जोड़ा जाएगा।
कारोबारी मोहम्मद इलयास, नवादा शेखान निवासी नुसरत जहां और सूफी टोला निवासी मुर्तजा मियां समेत कई लोगों ने लेखपाल गैंग के खिलाफ बारादरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि गैंग के सदस्य, जिनमें सावन कुमार जायसवाल के साथ मुरादाबाद निवासी अमित कुमार, पीलीभीत के चंदन खां, मुरादाबाद के अंकित त्रिपाठी और अन्य शामिल हैं, ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीनों पर कब्जा किया। राजेंद्रनगर के अखिलेश चंद्र सक्सेना, अर्जुन श्रीवास्तव, सुभाषनगर के सेवाराम, नेकपुर के कुलदीप सक्सेना और बहेड़ी के ज्ञानवती समेत अन्य पर भी आरोप लगाए गए हैं। विवेचना में अमित राठौर, भरत दीक्षित, सचिन गोस्वामी और अमित सिंह के नाम भी जोड़े गए हैं। इसमें एक एडवोकेट की भूमिका अहम है, जो महिलाओं को तैयार कर पूरी प्लानिंग करता था।
एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा, “लेखपाल गैंग के फर्जीवाड़े की सभी शिकायतों की एक साथ जांच की जाएगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” जांच से यह साफ हो रहा है कि निलंबित लेखपाल के गैंग ने अवैध कब्जे और फर्जी बैनामे के जरिए न केवल जमीनों को हड़पने की कोशिश की, बल्कि विभिन्न लोगों को धोखा देकर उनके नाम से जमीनों का फर्जी दस्तावेज तैयार किया। अब एसआईटी टीम इस पूरे मामले की गहन जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।