स्कूल में बने अतिरिक्त कक्ष के बिल पास करने के एवज में यह रिश्वत मांगी थी
बरेली, संवाददाता : भुता थाना क्षेत्र के ग्राम म्यूड़ी खुर्द स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका सरिता वर्मा को बुधवार दोपहर एंटी करप्शन टीम ने स्कूल की कक्षा में ही 50 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सरिता पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल में बने अतिरिक्त कक्ष के बिल पास करने के एवज में यह रिश्वत मांगी थी।
नौ लाख के ठेके में चार लाख भुगतान, फिर भी रिश्वत की मांग
राजानगर कॉलोनी, बारादरी निवासी ठेकेदार राजकुमार ने एंटी करप्शन विभाग को शिकायत दी थी कि उन्हें स्कूल भवन निर्माण का ठेका दिया गया था। इसका कुल बजट ₹9 लाख था, पर अब तक केवल ₹4 लाख भुगतान हुआ। उसमें से भी ₹1 लाख रुपये कमीशन के तौर पर प्रधानाध्यापिका के पति के खाते में वापस ले लिए गए। इसके बाद सरिता वर्मा ने बिल पास करने के लिए और ₹50 हजार की मांग की।
व्हाट्सएप चैट वायरल, ऑनलाइन ट्रांसफर का खुलासा
ठेकेदार ने बताया कि सरिता वर्मा द्वारा की गई रिश्वतखोरी की बातचीत व्हाट्सएप पर हुई थी, जो अब वायरल हो रही है। चैट्स में पैसे मांगने, खाते की जानकारी देने और बिल पास कराने की प्रक्रिया स्पष्ट दिख रही है। कुछ लेन-देन ऑनलाइन भी किए गए थे, जिनके स्क्रीनशॉट अब सामने आ चुके हैं।
कक्षा में घूस लेते ही रंगे हाथों दबोचा
एंटी करप्शन टीम ने प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सन्याल के नेतृत्व में जाल बिछाया। जैसे ही ठेकेदार ने सरिता वर्मा को रिश्वत की रकम सौंपी, टीम ने मौके पर ही कक्षा के अंदर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उस समय कक्षा में एक अन्य शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रही थीं। यह घटना छात्रों व स्टाफ के सामने हुई, जिससे सभी सकते में आ गए।
रिपोर्ट दर्ज, कोतवाली ले जाया गया
गिरफ्तारी के बाद सरिता वर्मा को कोतवाली थाने लाया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह ने बताया कि जनता से अपील है कि यदि किसी भी सरकारी कार्यालय में रिश्वत मांगी जाती है, तो वे 9454405475 नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
पहले भी थे भ्रष्टाचार के आरोप, कोई कार्रवाई नहीं
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अर्जुन पटेल ने खुलासा किया कि सरिता वर्मा पहले भी कई बार रिश्वत मांगने की शिकायतों में घिर चुकी थीं। शिकायतें बीईओ, बीएसए व अन्य अधिकारियों से की गई थीं, लेकिन कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे उनका मनोबल बढ़ता गया। बताया जा रहा है कि सरिता वर्मा व्हाट्सएप पर जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को भी रिश्वतखोरी में शामिल होने की बात कहती थीं। उन चैट्स के भी स्क्रीनशॉट सार्वजनिक हो चुके हैं।
























