दूल्हे और पीड़ित किशोरी के पिता के खिलाफ बाल विवाह की धाराओं में मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड,संवाददाता : नाबालिग पत्नी से दुष्कर्म के दोषी पति को कोर्ट ने 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। ये घटना उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले में घटी थी। जानकारी के मुताबिक, नगर क्षेत्र में एक 16 वर्षीय किशोरी ने 6 सितंबर 2023 को पुलिस को तहरीर सौंपी थी। किशोरी ने पुलिस को बताया था कि साल 2022 में उससे दोगुने से अधिक उम्र के धारचूला क्षेत्र निवासी व्यक्ति के साथ उसका जबरन विवाह करा दिया गया था। विवाह के तत्काल बाद किशोरी के एक रिश्तेदार की शिकायत पर यह मामला सामने आया तो पुलिस ने दूल्हे और पीड़ित किशोरी के पिता के खिलाफ बाल विवाह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। करीब चार-पांच माह बाद बाल विवाह का आरोपी पति जमानत पाकर जेल से बाहर आ गया था। इसके बाद आरोपी पति ने नाबालिग पत्नी को बहाने से जिला मुख्यालय बुलाया और एक कमरे में जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।किशोरी के मुताबिक उसका विवाह उसकी उम्र से दोगुने से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति के साथ की गई थी। किशोरी जबरिया विवाह से दुखी थी। उसके बाद आरोपी पति ने उसके साथ दुराचार की वारदात को अंजाम दिया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकर राज की अदालत ने मंगलवार को नाबालिग पत्नी से दुष्कर्म के दोषी पति को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पति पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर दोषी को पांच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।