सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी इस मामले में यूपी पुलिस की जांच पर सवाल उठाए थे
लखीमपुर खीरी, संवाददाता : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 2021 के तिकुनिया हिंसा कांड से जुड़े एक नए मोड़ में सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी, उनके बेटे आशीष मिश्रा और निघासन ब्लॉक प्रमुख के पति अमनदीप सिंह के खिलाफ गवाह को धमकाने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पढुआ थाने में दर्ज इस एफआईआर ने चार साल पुराने इस संवेदनशील मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जहां किसान आंदोलन के दौरान आठ लोगों की मौत हुई थी।तिकुनियां कांड के प्रमुख गवाह बलविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि 16 अगस्त 2023 को अमनदीप सिंह ने अजय मिश्रा टेनी के इशारे पर उन्हें धमकाया।
बलविंदर के अनुसार, अमनदीप ने तिकुनिया कांड के मुकदमे में गवाही न देने के लिए दबाव डाला और एक लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश भी की। धमकी से डरकर बलविंदर ने अपनी जमीन ठेके पर देकर उत्तर प्रदेश छोड़ पंजाब चले गए। उन्होंने कई बार स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। निराश होकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। जस्टिसों ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि गवाहों की सुरक्षा न्यायिक प्रक्रिया की बुनियाद है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जांच में किसी प्रकार की देरी न बरती जाए।
जौनपुरपढुआ थाने में दर्ज एफआईआर, जांच शुरू
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद पढुआ थाने में आईपीसी की धारा 506, 384 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू हो गई है। बलविंदर सिंह की शिकायत के आधार पर अमनदीप सिंह पर मुख्य रूप से धमकी और रिश्वत का आरोप है, जबकि अजय मिश्रा और आशीष मिश्रा पर साजिश रचने का इल्जाम लगाया गया है।
3 अक्टूबर 2021 को हुआ था तिकुनिया कांड
3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसान आंदोलन के दौरान एक एसयूवी ने प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया था, जिसमें चार किसान मारे गए। आशीष मिश्रा पर वाहन चलाने का आरोप लगा, जो अब जमानत पर हैं। यह घटना राजनीतिक विवाद का केंद्र बनी, क्योंकि अजय मिश्रा तब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री थे। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी इस मामले में यूपी पुलिस की जांच पर सवाल उठाए थे।