साइबर पुलिस स्टेशन में आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज
मुंबई,संवाददाता : चुनाव आयोग ने ईवीएम हैकिंग का दावा करने वाले सैयद शुजा के खिलाफ साउथ मुंबई के साइबर पुलिस स्टेशन में आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। शुजा का एक वीडियो 14 नवंबर को वायरल हुआ था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह अमेरिकी रक्षा विभाग की तकनीक का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को हैक कर सकता है। शुजा पर आरोप है कि उसने कई नेताओं को 53 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था कि यदि उसे यह राशि दी जाए, तो वह 63 सीटों पर ईवीएम को हैक कर सकता है। महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने वायरल वीडियो को फर्जी बताते हुए शुजा के दावों को निराधार, झूठा और अप्रमाणिक करार दिया और मुकदमा दर्ज कराया।
शुजा, जो एक साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर है, हैदराबाद मूल का है और फिलहाल कनाडा में रह रहा है। इस तरह के दावे पहले भी उसने 2019 में लंदन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए थे, जिसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। चुनाव आयोग ने फिर से दोहराया है कि ईवीएम एक स्टैंडअलोन, टैम्पर-प्रूफ डिवाइस है और यह पूरी तरह सुरक्षित है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कई उम्मीदवारों ने ईवीएम में माइक्रो कंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए आवेदन किया था। बारामती से अजित पवार से हारने वाले उनके भतीजे और राकांपा (शरद) के प्रत्याशी युगेंद्र पवार ने 19 ईवीएम के माइक्रो कंट्रोलर को सत्यापित करने के लिए जिला प्रशासन को 8.96 लाख रुपये का भुगतान किया था। अन्य सीटों से राकांपा के उम्मीदवार प्रशांत जगताप और कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश बागवे ने भी आवेदन किया। पुणे जिले के 11 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों ने 137 ईवीएम सेटों के माइक्रो कंट्रोलर के सत्यापन का अनुरोध करते हुए 66.64 लाख रुपये जमा किए थे।