कभी बना आइएएस, कभी जज; कई लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है आरोपी विष्णु , पत्नी के साथ गिरफ्तार
कानपुर,संवाददाता: फर्जी जज बनकर लखनऊ के केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) की नर्सिंग अफसर से शादी का झांसा देकर 59.50 लाख रुपये ठगने वाला शातिर ठग विष्णु शंकर गुप्ता उर्फ अंशुमान विक्रम एक बड़ा ठग निकला। वह अब तक 10 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। गिरफ्तारी के दौरान उसने पुलिस पर अपने पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते छोड़ दिए, लेकिन जब पुलिस ने गधे पर घुमाने की चेतावनी दी, तो उसने अपने सारे राज उगल दिए।
आइएएस, आईपीएस और न्यायिक अधिकारी बनकर करता रहा ठगी

विष्णु शंकर कभी खुद को आइएएस, कभी आइपीएस, और कभी न्यायिक अधिकारी (एडीजे) बताकर लोगों को ठगता था। उसने अपनी पहचान बदलकर कई बार युवतियों को प्रेमजाल में फंसाया और उनसे ठगी की। लखनऊ में एक युवती से दुष्कर्म और ठगी के मामले में जेल भी जा चुका है। एक युवती ने उसके धोखे से आहत होकर आत्महत्या भी कर ली थी। वह बार एसोसिएशन का सदस्य भी रह चुका है, लेकिन बाद में जब उसकी असलियत सामने आई, तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी गई।
59.50 लाख की ठगी: एडीजे बनकर रचाया प्रेमजाल
पीड़िता मूलरूप से बुलंदशहर की रहने वाली है और लखनऊ के लाजपत नगर में रहती है। वह केजीएमयू में नर्सिंग अफसर के पद पर कार्यरत है। पीड़िता के पिता कानपुर देहात में कृषि विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। बेटी के लिए उन्होंने अखबार में वैवाहिक विज्ञापन दिया था। विष्णु शंकर ने खुद को सीतापुर का एडीजे बताकर “अंशुमान विक्रम” नाम से लड़की से संपर्क किया और शादी का प्रस्ताव दिया। उसके बाद विश्वास जीतकर उसने युवती से 59.50 लाख रुपये हड़प लिए।
कुत्ते छोड़े, धमकियाँ दीं, फिर कबूला सबकुछ
जब पुलिस उसकी तलाकशुदा पत्नी की मदद से उसके ठिकाने तक पहुंची, तो उसने पुलिसकर्मियों पर पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते छोड़ दिए। पूछताछ में जब पुलिस ने गधे पर बैठाकर शहर में घुमाने की धमकी दी, तो विष्णु शंकर ने अपने सारे जालसाजी और फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया।
कई थानों में मामले दर्ज, पत्नी भी गिरफ्त में
डीसीपी सेंट्रल के अनुसार, आरोपी के खिलाफ हजरतगंज, कोतवाली सहित कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं। फिलहाल उसे उसकी वर्तमान पत्नी आयुषी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है और विस्तृत पूछताछ की जा रही है।






















