ट्रंप ने सात अगस्त को भारत पर टैरिफ बढ़ाने का किया था ऐलान
नई दिल्ली,संवाददाता : अमेरिका ने भारत पर 27 अगस्त 2025 से कुछ उत्पादों पर 50% तक का भारी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा जारी ड्राफ्ट नोटिस में कुछ शर्तों को पूरा करने वाले भारतीय उत्पादों को इस भारी शुल्क से छूट दी जा सकती है। ड्राफ्ट नोटिस के मुताबिक, यह बढ़ा हुआ टैरिफ उन भारतीय उत्पादों पर लागू होगा जो 27 अगस्त 2025 को सुबह 12:01 बजे (EDT) या उसके बाद अमेरिका में उपभोग के लिए एंट्री करेंगे या गोदाम से निकाले जाएंगे। इससे पहले आने वाले और कुछ विशेष शर्तों को पूरा करने वाले उत्पाद छूट के पात्र होंगे।
किन उत्पादों को मिलेगा टैरिफ से छूट का लाभ?
अमेरिकी ड्राफ्ट नोटिस के अनुसार, निम्नलिखित तीन शर्तें पूरी करने पर भारतीय उत्पाद 50% टैरिफ से बच सकते हैं:
- 27 अगस्त 2025 को सुबह 12:01 बजे (EDT) से पहले उत्पाद किसी जहाज पर लादकर अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हों।
- उत्पाद 17 सितंबर 2025 को सुबह 12:01 बजे (EDT) से पहले अमेरिका में उपभोग के लिए क्लियर हो जाएं या गोदाम से निकाले जाएं।
- आयातक HTSUS कोड 9903.01.85 के तहत CBP (U.S. Customs and Border Protection) को घोषित कर यह प्रमाणित करे कि उत्पाद इस छूट के पात्र हैं।
भारत पर क्यों लगाया गया टैरिफ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात अगस्त को भारत पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा रूस से सस्ते दर पर कच्चा तेल खरीदने से रूस को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक समर्थन मिल रहा है। इसी को लेकर अमेरिका ने यह कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन ने भारत को 21 दिनों का समय दिया था ताकि वह रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों की समीक्षा करे। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी रणनीतिक ऊर्जा आवश्यकताओं और राष्ट्रीय हितों के आधार पर निर्णय लेगा।
भारत का जवाब
भारत ने अमेरिकी दबाव के सामने झुकने से इनकार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों, छोटे व्यापारियों और घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भारतीय उत्पादों पर किसी भी अन्यायपूर्ण टैरिफ को स्वीकार नहीं किया जाएगा।