सर्राफा बाजारों में मात्र एक सप्ताह में दर्ज की गई कीमतों में ₹6,200 से ज्यादा की कमी
नई दिल्ली,संवाददाता : पिछले कुछ समय से वैश्विक आर्थिक बदलावों के चलते सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना अपने उच्चतम स्तर ₹99,358 प्रति 10 ग्राम से गिरकर अब तक ₹8,400 से अधिक टूट चुका है। वहीं, स्थानीय सर्राफा बाजारों में मात्र एक सप्ताह में कीमतों में ₹6,200 से ज्यादा की कमी दर्ज की गई है।
वैश्विक कारक बने गिरावट की वजह
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका-चीन व्यापार समझौते में प्रगति, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांत होने की संभावनाएं, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की स्थिति और अमेरिकी डॉलर की मजबूती जैसे कारणों ने सोने की कीमत पर सीधा असर डाला है। पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माना जाने वाला सोना अब निवेशकों की प्राथमिकता में नीचे आ रहा है, क्योंकि वैश्विक जोखिम कम होते दिखाई दे रहे हैं।
इसके साथ ही, शेयर बाजारों में आई मजबूती ने निवेशकों को अधिक रिटर्न वाले विकल्पों की ओर मोड़ दिया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मुनाफावसूली और लंबी पोजीशन में कटौती के कारण भी सोने की चमक फीकी पड़ी है।
चांदी में संभावित तेजी: ग्रीन एनर्जी का असर
जहां सोने की कीमतों में गिरावट जारी है, वहीं चांदी के भाव में संभावित तेजी की उम्मीद जताई जा रही है। भारत-ब्रिटेन ट्रेड डील, अमेरिका-चीन का व्यापार समझौता और वैश्विक तनावों में कमी ने औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया है। इसका सीधा लाभ चांदी जैसे औद्योगिक धातु को मिल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की मांग सौर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी से जुड़े उत्पादों में उपयोग के कारण तेजी से बढ़ सकती है। जैसे-जैसे वैश्विक अर्थव्यवस्था स्वच्छ ऊर्जा की ओर अग्रसर हो रही है, चांदी निवेश के लिहाज से अधिक आकर्षक विकल्प बन सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में निवेश फिलहाल स्थिर रखा जाए और नई खरीदारी से बचा जाए, जबकि चांदी में अवसर तलाशे जा सकते हैं। निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए और वैश्विक घटनाक्रमों पर करीबी नजर बनाए रखनी चाहिए।