केंद्रीय बजट 2024: लखनऊ के व्यापारियों और मध्यम वर्ग में बजट को लेकर नाराजगी
लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश किया। इसको लेकर लखनऊ के अधिकांश व्यापारी संतुष्ट नहीं दिखे। कई व्यापारियों और मध्यम वर्ग के लोगों का कहना है कि बजट में सिर्फ राष्ट्रीय कंपनियों और पूंजीपतियों का ध्यान रखा गया है। मध्यम वर्ग और व्यापारियों के लिए बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसको लेकर हर्ष हो।
पंजीकृत व्यापारियों के लिए कोई छूट नहीं: राजेश सोनी
आदर्श व्यापारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सोनी का कहना है कि केंद्रीय बजट में व्यापारियों और मध्यम वर्ग के हाथ सिर्फ बाबा जी का ठुल्लू ही लगा है। उनका कहना है कि बजट में स्वास्थ्य, एक्सीडेंटल के लिए कुछ भी नहीं है। साथ ही पंजीकृत व्यापारियों के लिए कोई छूट नहीं दी गई है। कोरोना संक्रमण में जो व्यापारी टूट गए और अभी तक उबर नहीं पाए, उनको भी राहत नहीं दी गई। उन्हीं के लिए सरकार बजट में कुछ करती तब भी ठीक होता।
मध्यम वर्ग सरकार की रीढ़, उपेक्षा ठीक नहीं: सुनील वर्मा
लखनऊ के व्यापारी सुनील वर्मा का कहना है कि मध्यम वर्ग को बजट से बहुत अपेक्षाएं होती हैं। मैं भी मध्यम वर्ग से ही आता हूं। बजट में इस वर्ग का हर हाल में सरकार को विशेष ख्याल चाहिए। मध्यम वर्ग सरकार की रीढ़ है और अगर वह इसका ध्यान नहीं रखेगी तो लोकसभा चुनाव में जिसतरह जनता की नाराजगी देखने को मिली आने वाले चुनावों में सरकार यह सब झेलने के लिए तैयार रहे।
व्यापारियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं: अमरनाथ मिश्र
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा का कहना है कि केंद्रीय बजट की आंकड़ेबाजी जनता की समझ से परे है। ये आंकड़ेबाजी सत्ता पक्ष में बैठे सांसदों को भी समझ में नहीं आया होगा। सिर्फ़ इसमें एनएडीए का चुनावी गठबंधन का असर दिखा, बिहार आँध्र प्रदेश और कुछ हद तक ओडिशा असम के लिए बाक़ी आम जनता से संबंधित कुछ नहीं।
विचारणीय है किअटल बिहारी बाजपेयी की जब सरकार नहीं आयी थी, उसके पहले से भाजपा की माँग थी इनकम टैक्स में आय की सीमा ज़्यादा होनी चाहिए बल्कि 2014 से पहले तो इनकी घोषणा पत्र में में उन्होंने पाँच लाख तक के करमुक्त आय की घोषणा की थी, जो कि आज तक ये नहीं कर पाए जबकि आर्थिक आधार पर आरक्षण या 8, लाख पर देते हैं तो फिर 10 लाख तक के करमुक्त आय क्यों न होनी चाहिए। आज जो स्लैब में इन्होंने बदलाव किया उस वजह 3छह था 3-7 कर दिया छह से नौ से था, उसको 7:10 दिया, उसी जगह इन्होंने दस पंद्रह के बीच में उसको कवर कर लिया तो फ़ायदा किसका हो?
मध्यम वर्ग और व्यापारियों को साथ लेकर चलने में फायदा
व्यापारी रंजीत वर्मा और प्रदीप सिंह का केंद्रीय बजट को लेकर कहना है कि मध्यम वर्ग और व्यापारियों को देने के लिए कुछ खास नहीं है। इन दोनों वर्गों को साथ लेकर चलने में ही सरकार का फायदा है। व्यापारियों और मध्यम वर्ग की उपेक्षा ठीक बात नहीं है। इसका असर आने वाले चुनावों में भी पड़ सकता है।
लखनऊ के व्यापारियों ने की बजट को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा
बजट चर्चा पर लखनऊ व्यापार मण्डल की कोर कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई।जिसमें मुख्य रूप से चेयरमैन राजेन्द्र कुमार अग्रवाल सचेतक अनिल विरामनी अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र, वरिश्ठ महामंत्री पवन मनोचा, कोषाध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता, अनुराग मिश्र जितेन्द्र सिंह चैहान, अजय पिपलानी, युवा अध्यक्ष मनीष गुप्ता, सुमित गुप्ता, प्रियांक गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
बोलीं वित्त मंत्री एक करोड़ युवाओं को मिलेंगे हर महीने छह हजार
दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि ‘सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच वर्ष में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इसमें युवाओं को कारोबार के वास्तविक माहौल को जानने और अलग-अलग पेशे की चुनौतियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके तहत युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। यही नहीं, उन्हें एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा।’
सरकार की नौ प्राथमिकताओं में से एक है रोजगार और कौशल विकास। इसके तहत पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ी मदद मिलने जा रही है। फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा। इसकी अधिकतम राशि 15 हजार रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा। सरकार रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को भी फायदा देने जा रही है। यह फायदा भविष्य निधि यानी पीएफ में एक महीने के योगदान के रूप में होगा।
बजट में विकास की असीमित संभावनाएं: योगी
केंद्रीय बजट की प्रशंसा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह समावेशी और विकासोन्मुखी योजना है, जो भारत के 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं के अनुरूप है। इस आम बजट में विकास की असीमित संभावनाएं हैं। इस बजट में किसानों की समृद्धि के लिए 1,52,000 और महिला सशक्तीकरण के लिए 3 लाख करोड़ से अधिक दिए गए हैं,” सीएम योगी ने केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए कहा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि इन उपायों से उत्तर प्रदेश को काफी लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बजट में पेश किए गए नए टैक्स स्लैब का स्वागत करते हुए राज्य के आर्थिक परिदृश्य पर उनके सकारात्मक प्रभाव को नोट किया। केंद्रीय बजट को ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास का संकल्प, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का विजन और वंचितों को वंचना से मुक्ति दिलाने का रोडमैप है। जो बेहद सराहनीय है।
विकसित भारत का सपना होगा साकार : बृजेश
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि बजट आधुनिक भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। 2047 में विकसित भारत के सपने को साकार करने वाला बजट।
बजट में छात्रों की चिंता के साथ किसानों को मजबूती देने वाला बजट। बजट में मध्यमवर्गीय लोगों को ऊपर उठाने के लिए प्रावधान किए गए। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की का आभार का उन्होंने आभार जताया है।