सावन के तीसरे सोमवार को जलाभिषेक के दौरान टीनशेड में फैला करंट, प्रशासन ने दिए मामले की समुचित जांच के निर्देश
बाराबंकी,संवाददाता : सावन के पावन माह में भगवान शिव के दर्शन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच त्रिवेदीगंज क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध औसानेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हो गया। जलाभिषेक के दौरान अचानक बिजली का करंट फैलने से मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई, जिसमें दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मृत्यु हो गई और 38 लोग घायल हो गए। घायलों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।इस हादसे में जागरूक जन मंदिर के व्यवस्थापकों पर सवाल खड़ा कर रहे है। उनका कहना है कि ज़ब उन्हें पता था कि मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आयंगे। तो ऐसे में बिजली सहित अन्य व्यबस्थायें चुस्त-दुरस्त क्यों नहीं की गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना सोमवार भोर करीब 2 से 3 बजे के बीच उस वक्त हुई जब मंदिर परिसर में एक बंदर ने बिजली के तार पर छलांग लगा दी, जिससे तार टूटकर टीन शेड पर गिर गया। करंट फैलते ही दर्शन के लिए खड़े श्रद्धालु घबरा गए और अफरा-तफरी मच गई। चारों ओर चीख-पुकार गूंजने लगी और लोग जान बचाकर इधर-उधर दौड़ने लगे। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। घायलों को तत्काल सीएचसी त्रिवेदीगंज और हैदरगढ़ में भर्ती कराया गया। रमेश कुमार (अज्ञात) और प्रशांत (पुत्र रामकृपाल, मुबारकपुर, थाना लोनी कटरा) की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।

हैदरगढ़ सीएचसी में भर्ती 26 घायलों में से अर्जुन (पुत्र राम शंकर, शिवगढ़) की हालत गंभीर देख उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं सोनम, काजल, सोनी, ज्योति, अनुज रावत, शुक्ला सहित अन्य घायलों का इलाज जारी है। त्रिवेदीगंज सीएचसी में रंजीत, पलक और संजय सहित कई घायलों का उपचार किया जा रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मंदिर की बिजली आपूर्ति तत्काल बंद करा दी गई है तथा पूरे इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मंदिर में कुछ समय के लिए दर्शन-पूजन स्थगित कर दिए गए हैं। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। घायल श्रद्धालुओं के उपचार और राहत व्यवस्था के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। सावन के इस पवित्र अवसर पर हुई इस त्रासदी ने पूरे जनपद को शोक और स्तब्धता में डाल दिया है।