बच्चों के लिए लगे झूले और हरियाली का सौंदर्य
बाराबंकी,संवाददाता : कभी उपेक्षा और अव्यवस्थाओं का शिकार रहा सत्यप्रेमी नगर स्थित स्वर्गीय रामसेवक पार्क अब एक नई पहचान के साथ सामने आ रहा है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की सख्ती और संवेदनशीलता ने इस बदहाल पार्क की किस्मत बदल दी है। अब यह पार्क बच्चों की किलकारियों और हरियाली की खुशबू से महक रहा है। कुछ समय पहले तक इस पार्क की स्थिति जर्जर और बदहाल थी। घास की जगह झाड़ियां, रोशनी की जगह अंधेरा और बच्चों के खेलने का कोई इंतजाम नहीं था। स्थानीय लोगों की शिकायत पर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी स्वयं निरीक्षण के लिए पहुंचे और उन्होंने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी संजय शुक्ला को पार्क के सुंदरीकरण और जनसुविधाओं के विकास का निर्देश दिया।

सुस्त व्यवस्था को मिला तेज़ ट्रैक
डीएम के निर्देश मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और बेहद कम समय में पार्क की सूरत पूरी तरह बदल दी गई। झाड़ियों को काटकर उनकी जगह आकर्षक और समतल घास बिछाई गई है। पार्क में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, जिससे अब यह शाम के समय भी सुरक्षित और सुंदर नजर आता है। सबसे खास बात यह है कि बच्चों के खेलने के लिए झूले, स्लाइड और अन्य मनोरंजन साधनों की स्थापना कर दी गई है, जिससे अब यह पार्क बच्चों की पहली पसंद बन चुका है।
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स्थानीय निवासियों ने जिलाधिकारी और अधिशासी अधिकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्षों बाद यह पार्क जी उठा है। यह न सिर्फ बच्चों के खेलने के लिए, बल्कि बुजुर्गों और युवाओं के लिए भी एक बेहतर सैरगाह के रूप में तैयार हुआ है। बता दे कि इससे पूर्व शाम होने पर यह नशेड़ियों का जमावड़ा लगता था जिसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी थी।
डीएम की पहल बनी प्रेरणा
बाराबंकी के स्व. रामसेवक पार्क का कायाकल्प यह साबित करता है कि यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो तो कोई भी स्थान नई पहचान पा सकता है। डीएम की यह पहल अन्य उपेक्षित सार्वजनिक स्थलों के पुनरुद्धार के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकती है। अब यह सिर्फ एक पार्क नहीं, बल्कि उम्मीदों की हरियाली है।