वरिष्ठ प्रशासकों ने दो दिवसीय प्रवास के पहले दिन छात्रों, किसानों व समाज के विभिन्न वर्गों से साझा किए विचार

बाराबंकी,संवाददाता : सोमवार को प्रबुद्ध वर्ग का एक विशेष प्रतिनिधिमंडल जिले में दो दिवसीय प्रवास पर आया। इस टीम में पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मुकुल सिंघल, भूतपूर्व वन सेवा सदस्य डॉ. रश्मिकांत शुक्ल, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. एस.के. श्रीवास्तव और सेवानिवृत्त आयकर सेवा अधिकारी एस. धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव सम्मिलित थे। यात्रा की शुरुआत हिंद अस्पताल सभागार से हुई, जहां शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और छात्रों के साथ सारगर्भित वार्ता आयोजित हुई। इस दौरान वक्ताओं ने युवाओं को शिक्षा, मूल्यों और व्यक्तित्व विकास से जुड़ी प्रेरणादायक बातें बताईं।
किसानों व आमजन से बातचीत

इसके पश्चात प्रतिनिधिमंडल ने किसानों, व्यापारिक वर्ग, सामाजिक संस्थाओं और नागरिकों से चर्चा की। यहां प्रदेश की बीते आठ वर्षों की उपलब्धियों का उल्लेख किया गया और भावी योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही जनमानस से मिले सुझावों को नीतिगत दस्तावेज़ में शामिल करने पर सहमति बनी।
एक माह तक चलेगा विशेष अभियान
इस जनभागीदारी अभियान का संचालन 5 सितंबर से 5 अक्टूबर तक होगा। ग्राम पंचायत स्तर तक बैठकों का आयोजन किया जाएगा और जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार होगा। सरकार ने इसके लिए एक विशेष पोर्टल तैयार किया है, जिस पर नागरिक क्यूआर कोड स्कैन कर अपनी राय दर्ज करा सकेंगे। लक्ष्य है कि हर घर से कम से कम एक सुझाव प्राप्त हो।
2047 की रूपरेखा
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को अग्रणी और प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए विजन दस्तावेज़ तैयार किया है। इसमें तीन बड़े मिशन, तीन आधारभूत थीम और बारह क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।
तीन प्रमुख मिशन

पहला सर्वसुविधा मिशन है, जिसमें प्रत्येक नागरिक को आवास, शुद्ध जल, ऊर्जा और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का उद्देश्य है। दूसरा आर्थिक उन्नति मिशन है, जिसके अंतर्गत उद्योग, कृषि और सेवाक्षेत्र को मजबूत बनाकर प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाना है।
तीसरा संस्कृति समृद्धि मिशन है, जिसमें परंपरा और आधुनिकता का संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
तीन थीम पर फोकस
थीमों में अर्थ बल के अंतर्गत निवेश और व्यापार को बढ़ावा देना, सृजन बल के तहत शिक्षा, प्रशिक्षण और नवाचार को प्रोत्साहन देना तथा जीवन बल में स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देना शामिल है।
2047 तक का लक्ष्य
सरकार का उद्देश्य है कि वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश आर्थिक दृष्टि से सशक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण राज्य के रूप में स्थापित हो।