श्रद्धालुओं ने देर तक रुक कर किया कथा का रसपान
बाराबंकी, संवाददाता: शहर उस समय राम मय हो गया जब वृंदावन धाम से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक मानस मर्मज्ञ अतुल कृष्ण भारद्वाज की श्री राम कथा का शुभारंभ किया। इससे पूर्व विशाल कलश यात्रा से हुआ। नागेश्वर नाथ सरोवर से शुरू हुई कलश में सैकड़ो महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान तमाम झांकियां कलश यात्रा की शोभा बनी। रथ पर सवार कथावाचक श्री भारद्वाज,के रथ को कथा संयोजक संतोष सिंह एडवोकेट भी ढकेलते दिखे। कलश यात्रा का अनेक स्थानों पर जोरदार स्वागत किया गया।इनमे सत्तीबाजार में पसमांदा समाज के वरिष्ट नेता वसीम राइन ने अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया,आगे घन्टाघर पर तथा धनोखर मन्दिर पर भक्तो ने कलश यात्रा में शामिल महिलाओं, भक्तो पर पुष्प वर्षा की,आगे पुनः सरदार चरण जीत सिंह वा उनके साथियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। कथा की शुरुआत करते हुए कथा व्यास श्री भारद्वाज ने मां शारदे वा गणपति गजानन तथा बीर हनुमाना की आराधना की और कथा का महात्म बताया। उन्होंने आगे कहा कि जब जब धरती पर अधर्म का बोलबाला होता ,तब तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुर प्रवृति का विनाश करते है।उन्होंने कहा कि त्रेतायुग में जब आशुरों की शक्ति बढ़ी तो माता कौशल्या की कोख से भगवान श्री राम का अवतार हुआ।
उन्होंने कहा कि श्री राम कथा श्रवण करने व्यक्ति संस्कारवान वा चरित्र उत्तम होता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे मीठी भाषा इस अवध छेत्र में बोली जाती है,उन्होंने कहा कि जहां देव ब्रेच्छ परिजात,महादेवा का शिवलिंग स्थापित है,और कुंटेश्वर धाम है ऐसी महाभारत कालीन इस पावन भूमि पर आयोजित यह श्री राम कथा निश्चय ही लोगो के लिए फलदायी होगी। आज की इस कथा में संयोजक संतोष सिंह ने मुख्य यजमान की भूमिका निभाई।कथा में प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद विभाग के मंत्री शतीश शर्मा,एम एल सी अंगद सिंह,पूर्व एम एल सी हरिगोविंद सिंह,जिला संघ चालक डा आर एस गुप्ता,विभाग सह प्रचारक अमरजीत सिंह, गंगा बक्श सिंह,जिला कार्यवाह सुधीर तिवारी,जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत,भाजपा अध्यक्ष अरविन्द मौर्य,महिला मोर्चा की अध्यक्ष रामेश्वरी त्रिवेदी,अधिवक्ता परिषद जिला इकाई के अध्यक्ष कौशल किशोर त्रिपाठी,श्रवण सिंह सहित भारी संख्या में अधिवक्ता वा भाजपा संगठन के फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारी वा भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और देर तक रुक कर कथा का रसपान किया।