सांसद तानुज पुनिया ने वित्त विधेयक पर रखा पक्ष

बाराबंकी,संवाददाता : जिला कांग्रेस के प्रवक्ता के.सी. श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि सांसद तानुज पुनिया ने 6 अगस्त को संसद में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान बाराबंकी समेत प्रदेश के मेंथा किसानों की दिक्कतों को विस्तार से उठाया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक मेंथा पर भी सिंथेटिक मेंथा के समान 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होना किसानों के लिए गंभीर चुनौती है।
सिंथेटिक बनाम प्राकृतिक मेंथा
सांसद ने स्पष्ट किया कि चीन से आयात होने वाला सिंथेटिक मेंथा, प्राकृतिक मेंथा की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत सस्ता मिलता है। इसकी वजह से किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा लगाया जाने वाला 1.5 प्रतिशत मंडी शुल्क किसानों की लागत और बढ़ा देता है।
वित्त मंत्री का हस्तक्षेप
पुनिया ने कहा कि उनकी ओर से रखे गए मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ध्यान दिया है। उन्होंने प्राकृतिक और सिंथेटिक मेंथा के लिए अलग-अलग एचएसएन कोड निर्धारित करने का निर्णय लिया, जिससे अब खाद्य पदार्थों व अन्य उत्पादों में प्रयुक्त मेंथा ऑयल की पहचान करना सरल होगा।
बाराबंकी की अहम हिस्सेदारी
सांसद ने केंद्र को लिखे पत्र में बताया कि बाराबंकी जिले का देश में प्राकृतिक मेंथा उत्पादन में लगभग 80 प्रतिशत योगदान है। यहां करीब सवा लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तीन लाख किसान मेंथा की खेती करते हैं। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में मेंथा ऑयल की कीमतों का निर्धारण भी बाराबंकी से प्रभावित होता है।
कर हटाने की मांग
पुनिया ने केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि प्राकृतिक मेंथा तेल पर लगाया गया 12 प्रतिशत जीएसटी तत्काल हटाया जाए। उनका कहना है कि इस कदम से किसानों और सूक्ष्म उद्योगों को राहत मिलेगी और उन्हें बेहतर व्यावसायिक माहौल उपलब्ध होगा।