हर पशु को मिलेगा नि:शुल्क टीका, 37 टीमें करेंगी डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन
बाराबंकी,संवाददाता : जिले में खुरपका-मुंहपका (फुट एंड माउथ डिजीज – एफएमडी) जैसी संक्रामक बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए बुधवार को विशेष टीकाकरण अभियान की औपचारिक शुरुआत की गई। कलेक्ट्रेट परिसर से जिलाधिकारी श्री शशांक त्रिपाठी ने हरी झंडी दिखाकर 37 टीमों को रवाना किया, जो गांव-गांव जाकर मवेशियों को टीका लगाएंगी।
लक्ष्य – 6 लाख से अधिक मवेशियों को लगेगा टीका
इस चरण में विभाग की ओर से 19 मोबाइल यूनिट भी तैनात की गई हैं। अधिकारियों के अनुसार, अभियान के तहत 4,07,300 भैंसों और 1,95,500 गायों को टीका लगाया जाना है। प्रत्येक टीम में 8 से 10 सदस्य कार्यरत रहेंगे। यह अभियान 23 जुलाई से प्रारंभ होकर अगले 45 दिनों तक, यानी 5 सितंबर तक ग्राम स्तर पर सतत रूप से संचालित किया जाएगा।
बीमारी के प्रभाव और टीकाकरण की जरूरत पर बल
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री त्रिपाठी ने कहा कि एफएमडी जैसी बीमारी न सिर्फ पशुओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति पर भी गंभीर प्रभाव डालती है। उन्होंने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक गांव में 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करते हुए उसकी प्रविष्टि भारत पशुधन ऐप पर की जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि एफएमडी वायरस जनित रोग है, जिसके लक्षणों में मुंह में छाले, बुखार, लंगड़ापन और दूध उत्पादन में कमी शामिल है। समय पर इलाज न होने पर यह रोग जानलेवा हो सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बीमारी से बचाव हेतु हर 6 माह पर टीकाकरण आवश्यक होता है।
किन पशुओं को नहीं लगेगा टीका
इस अभियान के अंतर्गत 4 माह से कम उम्र के बछड़ों और 8 माह से अधिक गर्भवती मादा पशुओं को टीका नहीं लगाया जाएगा। यह टीकाकरण भारत सरकार की योजना के अंतर्गत पूरी तरह नि:शुल्क कराया जा रहा है।
निगरानी एवं संचालन व्यवस्था
अभियान की प्रभावी निगरानी के लिए डॉ. सुरजीत सिंह को नोडल अधिकारी तथा डॉ. सुधीर कुमार को कंट्रोल रूम प्रभारी नियुक्त किया गया है, जो पूरे जिले में वैक्सीनेशन की मॉनिटरिंग करेंगे। शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।