ग्राम चौपालों के जरिए जनसमस्याओं का गांव में ही हो रहा समाधान
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार का प्रशासनिक पहिया अब सीधे गांवों की चौपालों तक पहुंच चुका है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर प्रत्येक शुक्रवार को प्रदेश भर के दो-दो ग्राम पंचायतों में “गांव की समस्या – गांव में समाधान” के मूल मंत्र के साथ ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अब ब्लॉक या तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे।
1307 पंचायतों में चौपाल, 64 हजार से अधिक ग्रामीणों की सहभागिता
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को प्रदेश की 1307 ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालों का आयोजन किया गया, जहां 3332 मामलों का मौके पर निस्तारण किया गया। इन चौपालों में 3122 ब्लॉक स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी और 5670 ग्राम स्तरीय कर्मचारी उपस्थित रहे, वहीं 64 हजार से अधिक ग्रामीणों ने इसमें हिस्सा लिया।
1.5 लाख से अधिक चौपालें, 5 लाख से ज्यादा समस्याओं का समाधान
आयुक्त ग्राम्य विकास जी.एस. प्रियदर्शी ने बताया कि बीते ढाई वर्षों में 1 लाख 52 हजार से अधिक ग्राम चौपालों का आयोजन हो चुका है, जिनमें 98 लाख से अधिक ग्रामीणों की सहभागिता रही और 5 लाख 34 हजार से ज्यादा समस्याओं/प्रकरणों का निस्तारण किया गया है।
चौपाल से नज़र रखी जा रही विकास योजनाओं पर भी
इन चौपालों के माध्यम से न केवल जनसमस्याओं का समाधान हो रहा है, बल्कि गांवों में संचालित योजनाओं की जमीनी हकीकत भी सामने आ रही है। इससे सोशल सेक्टर की योजनाओं में गति आई है और जनता का विश्वास प्रशासन में बढ़ा है।
महिलाओं की भागीदारी पर भी जोर
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्राम चौपालों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं और सोशल ऑडिट कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि चौपाल से पहले गांवों में सफाई और जागरूकता अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए।