तीन साल चार महीने की तैनाती में अपराधियों में खौफ, आम लोगों में बना भरोसा
बाराबंकी,संवाददाता : जिले में कानून व्यवस्था को सख्ती और संवेदनशीलता के संतुलन से संचालित करने वाले क्षेत्राधिकारी नगर सुमित त्रिपाठी का तबादला कर दिया गया है। अब वह सीतापुर जनपद में पीएसी के सहायक सेनानायक के रूप में सेवाएं देंगे। सुमित त्रिपाठी की तैनाती को बाराबंकी पुलिस के एक निर्णायक और भरोसेमंद दौर के रूप में याद किया जाएगा।
बड्डूपुर से शुरू हुआ सफर, बनाई अलग पहचान
पुलिस सेवा में 14 मार्च 2021 को पीपीएस अफसर के रूप में शामिल हुए सुमित त्रिपाठी को पहली पोस्टिंग बड्डूपुर कोतवाली में मिली थी। यहां उन्होंने फील्ड वर्क की बारीकियों को करीब से जाना और यही से अपराध के खिलाफ जमीनी स्तर पर रणनीति बनाना शुरू किया।
सदर व नगर क्षेत्राधिकारी रहते दिखाई दमदार कार्यशैली
बड्डूपुर के बाद जब उन्हें सदर व नगर क्षेत्र का चार्ज मिला, तब सख्त प्रशासक के साथ-साथ संवेदनशील पुलिसिंग की मिसाल भी कायम हुई। मादक पदार्थ तस्करी के मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की संपत्तियों को जब्त करवाया। अंतरराष्ट्रीय तस्करों की गिरफ्तारी से लेकर एक दर्जन से अधिक एनकाउंटर उनके कार्यकाल की गवाही देते हैं। इन सभी अभियानों में कानून की मर्यादा का विशेष ध्यान रखा गया।
75 दिनों में कराई आजीवन सजा, बना मिसाल
पोक्सो एक्ट के तहत एक गंभीर प्रकरण में मात्र 75 दिनों के भीतर अदालत से आजीवन कारावास की सजा दिलवाना उनके तेज निर्णय लेने की क्षमता का प्रमाण बना। इस कार्य को प्रदेशभर में एक मिसाल के रूप में सराहा गया।
सम्मान भी मिले, सेवा का भी मिला संतोष
काबिल-ए-तारीफ कामों के लिए उन्हें दो महत्वपूर्ण सम्मान प्राप्त हुए। उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बाल सुरक्षा और यौन अपराधों के विरुद्ध कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। गणतंत्र दिवस 2025 पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने उन्हें पुलिस सेवा में उल्लेखनीय योगदान के लिए रजत पदक (प्रशंसा चिन्ह) से नवाजा।
जनता के बीच लोकप्रियता, अपराधियों में खौफ
सख्त कानून पालन के साथ-साथ आमजन से जुड़ाव रखने की उनकी शैली ने उन्हें जनता में खासा लोकप्रिय बनाया। संवाद में स्पष्टता और स्वभाव में सहजता के चलते वह हर वर्ग के लिए भरोसे का प्रतीक बन गए।
पद बदलता है, पहचान नहीं
हालांकि अब वह बाराबंकी से विदा ले रहे हैं, लेकिन उनका योगदान लंबे समय तक पुलिस विभाग और नागरिकों की स्मृतियों में बना रहेगा। युवा अधिकारियों के लिए उनका कार्यकाल प्रेरणास्रोत रहेगा “कभी-कभी कोई अफसर सिर्फ कानून नहीं लागू करता, वह समाज में भरोसे की एक नई नींव भी रख देता है।” यही पहचान है सुमित त्रिपाठी की।