पीएम ,आरएसएस प्रमुख,राज्यपाल और सीएम भी बनेंगे इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी
अयोध्या, संवाददाता : रामनगरी में 25 नवंबर का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। राम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ केसरिया ध्वज स्थापित किया जाएगा। ध्वज-दंड पर ध्वज चढ़ते ही 10 सेकेंड तक शंखनाद की ध्वनि गूंजेगी। जिसके बाद पूरे परिसर में आसमान से फूलों की वर्षा होगी।
इस शुभ क्षण को पवित्रता और परंपरा के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित करीब 7500 खास मेहमान इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे। राम मंदिर के शिखर पर ध्वज स्थापना के लिए शनिवार को एक बार फिर ध्वज आरोहण का अंतिम ट्रायल किया गया।
राम मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में विशेष सजावट के साथ सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं। पूरा आयोजन वैदिक विधि-विधान के साथ सम्पन्न होगा। आयोजन से ऐसा प्रतीत होगा कि संपूर्ण अयोध्या एक दिव्य उत्सव में डूबी हुई है। राम मंदिर ट्रस्ट व्यवस्था प्रमुख गोपाल जी राव ने इसे रामलला के महाप्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रमों की श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि यह क्षण न केवल मंदिर निर्माण यात्रा का मील का पत्थर होगा, बल्कि दुनिया भर के राम भक्तों के लिए भावनात्मक और आध्यात्मिक उर्जा का केंद्र भी बनेगा।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा कि ध्वजारोहण कार्यक्रम की तैयारियां बहुत अच्छी चल रही है। ध्वज चढ़ाने का ट्रायल सफल हो गया है। 7500 आमंत्रित लोग होंगे। यह सभी अयोध्या जिले और पूर्वी उत्तर प्रदेश के है। इसके साथ ही 600 से अधिक मंदिर निर्माण से लगी संस्थाओं के अधिकारी और उनके वर्कर होंगे। कुछ जिलों को मिला कर एक रंग का निर्धारण कर दिया गया है। जिसमे जिलों की संख्या और बैठने की क्षमता का भी निर्धारण कर दिया गया है।
द्वितीय दिवस पूजन में श्रीराम सहस्त्रनामार्चन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में होने वाले ऐतिहासिक ध्वाजारोहण कार्यक्रम के लिए आज दूसरे दिन शनिवार को विधि विधान से पूजन किया गया। एक हजार तुलसी पत्र से भगवान श्री राम का सहस्त्र नामार्चन हुआ। आचार्यों द्वारा पहले दिन की भांति ही गणपति पूजन, पंचांग पूजन, षोडष मातृका पूजन के बाद मंडप प्रवेश पूजन कराया गया। इसके बाद योगिनी पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रह पूजन, और प्रधान मंडल के रूप में रामभद्र मंडल व अन्य मंडलों का आह्वान पूजन हुआ।
यजमान ट्रस्ट के डॉ. अनिल मिश्र व अन्य यजमानों ने अर्द्धांगिनी समेत पूजन किया। इस अवसर पर मुख्य आचार्य चंद्रभान शर्मा, उपाचार्य रविंद्र पैठणे, यज्ञ के ब्रह्मा व आचार्य पंकज शर्मा ने पूजन संपन्न कराया। पूजन व्यवस्था प्रमुख आचार्य इंद्रदेव मिश्र व आचार्य पंकज कौशिक की देखरेख में समस्त अनुष्ठान संपन्न संपन्न हुआ।






















