अयोध्या और काशी से आमंत्रित किए गए हैं 101 वैदिक आचार्य
अयोध्या,संवाददाता : राम मंदिर परिसर एक बार फिर धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का केंद्र बन गया है। मंगलवार सुबह से श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय महाअनुष्ठान प्रारंभ हुआ। यह आयोजन पांच जून को गंगा दशहरा के दिन अपने चरम पर पहुंचेगा, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में मुख्य समारोह सम्पन्न होगा।
वैदिक मंत्रों के साथ आरंभ हुआ अनुष्ठान

प्रथम दिन यज्ञाचार्य पंडित जयप्रकाश त्रिपाठी, आचार्य अमरनाथ और चंद्रभानु शर्मा के नेतृत्व में 108 वैदिक आचार्यों ने विधिपूर्वक यज्ञ, चतुर्वेद पारायण, हनुमान चालीसा व सुंदरकाण्ड का पाठ किया। श्रीराम नाम का अखंड संकीर्तन भी शुरू हो गया है। विशेष जानकारी के अनुसार, जलाधिवास की प्रक्रिया पूरी की गई है और बुधवार को अन्नाधिवास (धान्य से) सम्पन्न होगा।
योगी आदित्यनाथ रहेंगे मुख्य अतिथि
पांच जून को जब मुख्य प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी, उस दिन का संयोग भी विशेष होगा। अभिजीत मुहूर्त और स्थिर लग्न में होने जा रहे इस आयोजन में योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। खास बात यह है कि इसी दिन उनका जन्मदिवस भी है। चक्रवर्ती महाराज दशरथ जी के महल को फूलों से सजाया गया है। संत समाज ने इस आयोजन को “सांस्कृतिक सौभाग्य” करार दिया है। सात प्रमुख मंदिरों में श्रीराम दरबार सहित देव विग्रहों की प्रतिष्ठा होगी। 101 वैदिक आचार्य अयोध्या और काशी से आमंत्रित किए गए हैं।
इन सात मंदिरों में होनी है प्राण प्रतिष्ठा

राम दरबार के साथ ही सात अन्य उप मंदिरों में भी स्थापित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, आग्नेय में श्रीगणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में हनुमान, नैऋत्य में सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में माता अन्नपूर्णा के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके अलावा, सप्त मंडपम में बने उप मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या और शबरी की मूर्ति स्थापित की गई है।
203 फीट ऊंचे शिखर पर लहराया धर्म ध्वज
राम मंदिर के शिखर पर हाल ही में 42 फीट ऊंचा ध्वजदंड स्थापित किया गया है। पीतल से बना यह 5.5 टन वजनी ध्वज 203 फीट ऊंचे मंदिर की भव्यता को नई ऊंचाई देता है। इसे 60 कुशल कारीगरों ने 7 माह में तैयार किया और इसकी आयु लगभग 100 वर्षों की मानी जा रही है।