रामायण आधारित 20 नए सेल्फी प्वाइंट भी होंगे आकर्षण का केंद्र
अयोध्या,संवाददाता : इस वर्ष का नवम दीपोत्सव-2025 अयोध्या को नयी सांस्कृतिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि राम की पैड़ी पर पहली बार 80,000 दीयों से सजी दीप-रंगोली बनाई जाएगी, जो भक्तिभाव, सौंदर्य और लोक कला का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करेगी। यह रंगोली परंपरागत “चौक पूरने” की कला पर आधारित होगी, जिसमें मिट्टी के दीये, रंग और फूलों का सम्मिलन होगा। कलश, स्वास्तिक और कमल जैसे पारंपरिक प्रतीकों से सुसज्जित यह रंगोली धरती पर ईश्वर के स्वागत का प्रतीक मानी जा रही है।
कला के माध्यम से भक्ति का संवाद
इस भव्य रंगोली को डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के कला विभाग की 50 छात्राओं की टीम बना रही है। टीम की संयोजक डॉ. सरिता द्विवेदी ने बताया कि “यह हमारे लिए सिर्फ एक रंगोली नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है।” दीपोत्सव के दौरान यह विशालकाय दीप-रंगोली दर्शकों के लिए एक दृश्यात्मक दिव्यता का अनुभव लेकर आएगी।
रामायण पर आधारित 20 नए “सेल्फी प्वाइंट”
बयान में कहा गया है कि अयोध्या धाम को डिजिटल और आध्यात्मिक दोनों रूपों में भव्यता प्रदान करने के लिए 20 विशेष सेल्फी प्वाइंट भी बनाए जा रहे हैं। ये सभी प्वाइंट रामायण के प्रमुख प्रसंगों पर आधारित होंगे और धर्मपथ, लता चौक, राम की पैड़ी और रामकथा पार्क जैसे स्थलों पर स्थापित किए जा रहे हैं। हर सेल्फी प्वाइंट की थीम रामायण की किसी भावनात्मक या प्रेरणादायक घटना से जुड़ी होगी:
- सुमेरु पर्वत लेकर उड़ते हनुमान
- वर्षा में केले के पत्ते से प्रभु को ढकते हनुमान
- राम-लक्ष्मण को कंधे पर उठाए हुए हनुमान
- अशोक वाटिका में माता सीता से भेंट
- रावण वध का दृश्य
- प्रभु श्रीराम और केवट मिलन
- अग्नि परीक्षा देतीं माता सीता आदि
योगी सरकार का लक्ष्य: विश्व के सामने अयोध्या की नई पहचान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि दीपोत्सव केवल दीपों का त्योहार न रहकर, एक संस्कृति, श्रद्धा और तकनीक का उत्सव बने। बयान में कहा गया कि यह आयोजन अयोध्या को वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर स्थापित करने का माध्यम बन रहा है।