बौद्ध अनुयायियों ने किया त्रिसरण–पंचशील पाठ, निकाली शांति धाम यात्रा
अमेठी, संवाददाता : निर्माता बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर जनपद में विभिन्न स्थानों पर उनकी प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। भेंटुआ ब्लॉक के खंडहर गांव स्थित तथागत अंबेडकर बुद्ध विहार में बौद्ध अनुयायियों द्वारा सामूहिक त्रिसरण–पंचशील कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके बाद शांति धाम यात्रा निकाली गई।

ब्लॉक प्रमुख भादर, प्रवीण कुमार सिंह ‘पप्पू सिंह त्रिसुंडी’ ने कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि समता, समानता, शांति, अहिंसा और मैत्रीभाव के साथ मानवता की रक्षा के लिए बाबा साहेब ने अपने जीवन के अंतिम चरण में 14 अक्टूबर 1956 को पाँच लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म ग्रहण किया और “बुद्धं शरणं गच्छामि” का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर तर्क आधारित, अंधविश्वास-मुक्त और वैज्ञानिक सोच वाले समाज के निर्माण के प्रबल समर्थक थे।
जनता नगर स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर आयोजित त्रिसरण–पंचशील एवं माल्यार्पण कार्यक्रम में अंबेडकर कल्याण समिति के सुरेंद्र मौर्य, राजकुमार कोरी, उदयभान गौतम, विश्वनाथ बौद्ध, संजीव बौद्ध, बालवीर बौद्ध, सिद्धनाथ बौद्ध सहित अनेक अनुयायी उपस्थित रहे।


























