142वें आईओसी सत्र में अहम योगदान के लिए दिया गया सम्मान
पेरिसः अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद ने दिग्गज भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को 142वें आईओसी सत्र में अहम योगदान के लिए प्रतिष्ठित ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया है।
1975 में स्थापित ओलंपिक ऑर्डर आईओसी द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। शनिवार को पेरिस में आयोजित एक समारोह में अभिनव बिंद्रा को ओलंपिक ऑर्डर सम्मानित किया गया। इससे पहले वर्ष 1983 में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी इससे सम्मानित किया गया था। शुक्रवार को बिंद्रा को आईओसी एथलीट आयोग का दूसरा उपाध्यक्ष भी चुना गया था। उनके किए एक साथ दोहरी खुशी का मौक़ा है।
बोले बिंद्रा, ये ओलंपिक रिंग ही थीं, जिन्होंने मेरे जीवन को अर्थ दिया :
41 वर्षीय बिंद्रा ने कहा, “जब मैं छोटा बच्चा था, तो ये ओलंपिक रिंग ही थीं, जिन्होंने मेरे जीवन को अर्थ दिया। और दो दशकों से अधिक समय तक अपने ओलंपिक सपने को पूरा करने में सक्षम होना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।”
कहा, “अपने एथलेटिक करियर के बाद ओलंपिक मूवमेंट में प्रयास करना और वापस अपना योगदान देना मेरा एक बड़ा जुनून रहा है। यह एक विशेषाधिकार और सम्मान रहा है। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार उस जुनून को और अधिक बढ़ावा देता है और मुझे उम्मीद है कि मैं और भी अधिक मेहनत करना जारी रखूंगा और जीवन भर ओलंपिक मूवमेंट में योगदान देता रहूंगा।”
10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने
उल्लेखनीय एथलीट के रूप में अभिनव बिंद्रा बीजिंग 2008 खेलों में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्हें एयर राइफल शूटिंग में विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय होने का गौरव भी हासिल किया है।
अपने दो दशक लंबे करियर में, बिंद्रा ने 150 से अधिक व्यक्तिगत पदक जीते, और भारत के महान खेल दिग्गजों में से एक के रूप में पहचान बनाई। खेल के प्रति उनकी असाधारण सेवा को तब और मान्यता मिली जब उन्हें 2018 में ब्लू क्रॉस से सम्मानित किया गया, जो अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (आईएसएसएफ) का सर्वोच्च सम्मान है।