अकाउंट्स, अर्थशास्त्र व सांख्यिकी पर होता है बुध का प्रभाव
डॉ. उमाशंकर मिश्रा,संवाददाता : ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। बुध का रंग हरा, वर्ण वैश्य तथा स्वामित्व मिथुन और कन्या राशि पर है। कन्या राशि बुध की उच्च राशि मानी जाती है, जबकि मीन राशि में बुध नीच अर्थात कमजोर होता है। शनि, शुक्र और राहु बुध के मित्र ग्रह हैं। बुध लगभग एक माह तक प्रत्येक राशि में गोचर करता है। बुध वाणी, व्यवहार, बुद्धि, तर्कशक्ति, स्मरण शक्ति, निर्णय क्षमता, व्यक्तित्व और सौंदर्य का कारक ग्रह है। कुंडली में बुध की स्थिति यह तय करती है कि व्यक्ति कैसे बोलता है, उसका व्यवहार कैसा है और उसकी बौद्धिक क्षमता कितनी सशक्त है।
बुध की विशेषताएँ और प्रभाव
बुध को ग्रहों में सबसे सुकुमार और सुंदर ग्रह माना गया है। इसे युवराज ग्रह भी कहा जाता है। बुध पृथ्वी तत्व का ग्रह है और बुद्धि, गणना, व्यापार, वाणिज्य, लेखन, संचार, सूचना, यातायात, त्वचा, सौंदर्य, सुगंध तथा गहन अध्ययन से जुड़ा होता है। इसके अतिरिक्त कान, नाक, गला, तंत्रिका तंत्र और आर्थिक मामलों में सफलता भी बुध के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। आज के समय में बुद्धि और संचार कौशल का महत्व अत्यधिक है, जिसमें बुध की भूमिका निर्णायक होती है।
कमजोर बुध से बुद्धि, वाणी और एकाग्रता की समस्याएँ
यदि कुंडली में बुध नीच राशि में हो, छठे या आठवें भाव में स्थित हो, केतु या मंगल से पीड़ित हो, सूर्य के साथ अस्त अवस्था में हो या षष्ठेश अथवा अष्टमेश से प्रभावित हो, तो व्यक्ति को मानसिक और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं। इसके प्रभाव से सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है। निर्णय लेने में समय लगता है, एकाग्रता भंग होती है और व्यक्ति दुविधा में रहता है। कमजोर बुध के कारण बोलने में कठिनाई, हकलाहट और वाणी दोष भी देखे जाते हैं।
निवारण उपाय
- प्रतिदिन सुबह तुलसी के पत्तों का सेवन करें और 108 बार “ॐ ऐं सरस्वतयै नमः” मंत्र का जाप करें।
- प्रत्येक बुधवार को गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और थोड़ी दूर्वा अपने पास रखें।
कमजोर बुध और त्वचा संबंधी समस्याएँ
कमजोर बुध त्वचा से जुड़ी समस्याएँ भी उत्पन्न करता है। एलर्जी, दाने, खुजली, दाग-धब्बे अथवा त्वचा का झुलसना इसके सामान्य संकेत हैं। सूर्य, मंगल या राहु के प्रभाव से ये समस्याएँ और बढ़ सकती हैं।
निवारण उपाय
- प्रतिदिन प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें।
- हरी सब्जियों और सलाद का अधिक सेवन करें।
- प्रभावित स्थान पर नारियल का तेल लगाएँ।
- अधिक समस्या होने पर ओनेक्स धारण करें।
कमजोर बुध से कान, नाक और गले की समस्याएँ
बुध अत्यंत कमजोर हो तो सुनने और बोलने में कठिनाई, गले का बार-बार खराब होना, सर्दी-जुकाम और विशेष प्रकार की गंध से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
निवारण उपाय
- प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें।
- चाँदी के चौकोर टुकड़े पर “ऐं” लिखवाकर गले में धारण करें।
- अधिक से अधिक हरे वस्त्र पहनें।
- स्नान के बाद पीला चंदन माथे, कंठ और सीने पर लगाएँ।
कमजोर बुध और गणित से जुड़े विषयों में बाधा
कई बार अत्यधिक परिश्रम के बावजूद गणित, अकाउंट्स, इकोनॉमिक्स या सांख्यिकी जैसे विषयों में सफलता नहीं मिलती। ज्योतिष के अनुसार इसका प्रमुख कारण कमजोर बुध हो सकता है।
निवारण उपाय
- गणित से जुड़े विषय अपनी इच्छा से चुनें, जबरदस्ती न करें।
- प्रतिदिन सुबह और शाम “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- अध्ययन कक्ष में हरे रंग की देव प्रतिमा रखें।
- भोजन में थोड़ी मात्रा में हरी मिर्च का प्रयोग करें।























