जीवन में सफलता, गति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक
डॉ. उमाशंकर मिश्रा,लखनऊ : वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो दिशाओं, पंचतत्वों और ऊर्जा संतुलन के माध्यम से जीवन को सुखद, समृद्ध और शांतिपूर्ण बनाने के उपाय बताता है। वास्तु में कुछ प्रतीकात्मक चित्र और वस्तुएं विशेष महत्व रखती हैं। इन्हीं में एक अत्यंत प्रभावशाली प्रतीक है — सात दौड़ते घोड़ों की तस्वीर। यह केवल सजावटी चित्र नहीं, बल्कि ऊर्जा, गति और सफलता का शक्तिशाली प्रतीक मानी जाती है।
घोड़ा: शक्ति, साहस और गति का प्रतीक
प्राचीन भारतीय परंपरा में घोड़ा शक्ति, आत्मविश्वास, गति, निष्ठा और विजय का प्रतीक रहा है। युद्ध, यात्रा और राजसी वैभव में घोड़े का विशेष स्थान रहा है।
वास्तु शास्त्र में घोड़ा उस ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, जो व्यक्ति को आगे बढ़ने, निर्णय लेने और लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरित करती है।
सात घोड़े: पूर्णता और संतुलन का संकेत
संख्या सात का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है, जैसे—
- सप्ताह के सात दिन
- इंद्रधनुष के सात रंग
- संगीत के सात सुर
- योग में सात चक्र
- सप्तर्षि (सात महान ऋषि)
इसी कारण सात घोड़ों की तस्वीर जीवन में संतुलन, निरंतरता, विविधता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। यह मानसिक, शारीरिक, भौतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा के सामंजस्य को दर्शाती है।
वास्तु शास्त्र में 7 घोड़ों की तस्वीर के लाभ
कार्यों में तेजी और निर्णय क्षमता में वृद्धि
दौड़ते घोड़े स्थिरता को तोड़ते हैं और जीवन में गति व प्रगति का संचार करते हैं।
व्यवसाय और करियर में उन्नति
ऑफिस या व्यापार स्थल पर लगाने से निर्णय क्षमता बेहतर होती है और आर्थिक लाभ के अवसर बढ़ते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
यह तस्वीर घर या कार्यस्थल की रुकी हुई ऊर्जा को सक्रिय कर सकारात्मक वातावरण बनाती है।
भाग्य और समृद्धि में सुधार
सही दिशा और नियमों के अनुसार लगाई गई तस्वीर नए अवसरों के द्वार खोल सकती है।
तस्वीर लगाने की सही दिशा और नियम
उपयुक्त दिशाएं
- पूर्व दिशा: सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है
- उत्तर दिशा: आर्थिक उन्नति के लिए विशेष रूप से लाभकारी
उपयुक्त स्थान
- ऑफिस की वह दीवार, जहां से कार्य करते समय तस्वीर दिखाई दे
- ड्राइंग रूम या प्रवेश द्वार के सामने की दीवार
किन बातों से बचें
- शयनकक्ष (बेडरूम) में तस्वीर न लगाएं
- घोड़े थके हुए, घायल या धीमी गति में न दिखें
- पानी में तैरते या कीचड़/गीली जमीन पर दौड़ते घोड़े अशुभ माने जाते हैं
तस्वीर की विशेषताएं कैसी हों
- सभी सात घोड़े एक ही दिशा में दौड़ते हुए हों
- घोड़ों के चेहरे स्पष्ट, ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरे हों
- चित्र में अंधकार, टूटन या अव्यवस्था न हो
- पृष्ठभूमि साफ और उजली हो
वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
मनोवैज्ञानिक दृष्टि से दौड़ते घोड़ों की तस्वीर मोटिवेशनल ट्रिगर का कार्य करती है। यह व्यक्ति में फोकस, आत्मविश्वास और प्रगति की भावना को जागृत करती है। कार्यस्थल पर यह मानसिक ऊर्जा और कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है।
धार्मिक और आध्यात्मिक पक्ष
वेदों और पुराणों में उल्लेख है कि सूर्य देवता के रथ को सात घोड़े खींचते हैं। इसलिए यह तस्वीर सूर्य ऊर्जा, आत्मबल, अनुशासन और आत्मिक विकास का भी प्रतीक मानी जाती है।






















