राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा पर भी उठा सवाल
प्रोविडेंस (अमेरिका) : 13 दिसंबर 2025, शनिवार को अमेरिका की प्रतिष्ठित ब्राउन यूनिवर्सिटी में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब फाइनल एग्जाम के दौरान काले कपड़े पहने एक अज्ञात व्यक्ति ने परिसर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस दर्दनाक घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ छात्र-छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गए।
800 कैमरे, फिर भी चेहरा नहीं आया सामने
हैरानी की बात यह है कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर में 800 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद हमलावर का चेहरा अब तक किसी भी फुटेज में साफ नजर नहीं आया है। सभी वीडियो में हमलावर सिर्फ पीछे से ही दिखाई देता है, जिससे जांच एजेंसियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
30 दिन बाद भी पहचान अधूरी
घटना को 30 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अमेरिकी पुलिस अब तक हमलावर की शिनाख्त करने में नाकाम रही है। प्रोविडेंस की मेयर ब्रेट स्माइली ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, पुलिस को जिस व्यक्ति पर शक है, उसकी हमारे पास साफ तस्वीर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारे पास अन्य सबूत नहीं हैं। पिछले दो दिनों में कई अहम सुराग मिले हैं।
गलत गिरफ्तारी और फिर रिहाई
पुलिस ने जांच के दौरान एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की, लेकिन बाद में साफ हुआ कि वह असली हमलावर नहीं था। इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया। हालांकि, इस बीच संदिग्ध का नाम मीडिया में लीक हो गया, जिससे उसे कड़ी आलोचना और सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ा।
ट्रंप की जल्दबाजी, पुलिस को करनी पड़ी सफाई
घटना के बाद जब पुलिस ने संदिग्ध पर शिकंजा कसा, तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जल्दबाजी में घोषणा कर दी कि हमलावर को पकड़ लिया गया है। लेकिन करीब 13 घंटे बाद अमेरिकी पुलिस ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि पकड़ा गया व्यक्ति असली हमलावर नहीं था।
अब भी बना हुआ है सस्पेंस
कई घंटे और दिन बीत जाने के बावजूद अमेरिकी पुलिस के हाथ अब तक ठोस सुराग नहीं लगे हैं। ब्राउन यूनिवर्सिटी गोलीकांड अब एक रहस्यमयी केस बनता जा रहा है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और जांच प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
























