विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) का संशोधित कार्यक्रम जारी
रामगंज (अमेठी) : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार मतदाता बनने की अर्हता तिथि 1 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। जो युवा 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करेंगे, उनके नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए प्रारूप-6 भरने का कार्य 16 दिसंबर से शुरू होगा।

एसआईआर का संशोधित कार्यक्रम: एक नजर
- गणना अवधि: 26 दिसंबर 2025 तक
- मतदान केंद्रों का युक्तिकरण एवं पुनर्व्यवस्थान: 26 दिसंबर 2025 तक
- नियंत्रण तालिका का अद्यनीकरण व ड्राफ्ट रोल की तैयारी: 27 दिसंबर 2025
- विधानसभा क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन:
31 दिसंबर 2025 (बुधवार) - दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि:
31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक - नोटिस चरण (नोटिस जारी, सुनवाई, सत्यापन व निस्तारण):
31 दिसंबर 2025 से 21 फरवरी 2026 तक - मतदाता सूची के स्वास्थ्य मापदंड की जांच व आयोग की अनुमति:
20 फरवरी 2026 - निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन:
28 फरवरी 2026
राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील
प्रशासन की ओर से सभी राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि वे संशोधित कार्यक्रम के अनुसार बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को पूरा सहयोग दें, ताकि मतदाता सूचियों को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाया जा सके। 16 दिसंबर से नए मतदाताओं के लिए प्रारूप-6 फार्म भरवाए जाएंगे।

बीएलए को खोजने में दिनभर परेशान रहे बीएलओ
एसडीएम की अपील पर राजनीतिक दलों ने नहीं दिया ध्यान
भादर : राजनीतिक दलों द्वारा नामित किए गए बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) बीएलओ को बूथों पर नहीं मिल पा रहे हैं। कई बीएलए के मोबाइल नंबरों में इनकमिंग बंद है, जबकि बड़ी संख्या में बीएलए के निधन की भी जानकारी सामने आई है। कांग्रेस, भाजपा, बसपा और समाजवादी पार्टी—चारों प्रमुख दलों की स्थिति लगभग एक जैसी बताई जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी बीएलए-2 के साथ विधानसभा स्तरीय बैठकें कर चुकी है, जबकि बसपा की बैठक 15 दिसंबर से प्रस्तावित है। सपा और कांग्रेस ने सबसे पहले बीएलए की सूची जिला निर्वाचन कार्यालय को सौंपी थी, लेकिन उनके बीएलए भी पोलिंग बूथों पर सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।
एसडीएम आशीष सिंह ने शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और मंत्रियों को पत्र लिखकर बीएलए को बीएलओ के साथ बूथों पर उपस्थित रहने का अनुरोध किया था, लेकिन किसी भी दल ने इस अपील को गंभीरता से नहीं लिया।
























