चार बने प्रमुख सचिव,19 अफसर सचिव पद पर प्रोन्नत
लखनऊ संवाददाता : प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को 67 आईएएस अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की। इनमें वर्ष 2001 बैच के चार वरिष्ठ अधिकारियों शशि भूषण लाल सुशील, अजय कुमार शुक्ला, अपर्णा यू और एसवीएस रंगाराव को सुपरटाइम वेतनमान के साथ प्रमुख सचिव बनाया गया है। वर्ष 2010 बैच के 19 आईएएस अधिकारियों को विशेष सचिव से सचिव पद पर पदोन्नति दी गई है। यह पदोन्नति 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी। पदोन्नति के बाद अधिकारियों के तबादले की भी संभावना जताई जा रही है।
वर्ष 2010 बैच के जिन अधिकारियों को सचिव पद पर पदोन्नति दी गई है, उनमें अखंड प्रताप सिंह, कुमार प्रशांत, नेहा शर्मा, मोनिका रानी, शंभु कुमार, योगेश कुमार, नितीश कुमार, भवानी सिंह खंगारौत, संदीप कौर, दुर्गाशक्ति नागपाल, रवींद्र कुमार और ओम प्रकाश आर्य शामिल हैं। इन्हें सुपर टाइम वेतनमान (₹1,44,200–2,18,200) प्रदान किया गया है।
वहीं के. बालाजी, आशुतोष निरंजन और सुजीत कुमार को सचिव पद पर प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है। इन अधिकारियों को दो वर्ष के भीतर मिड कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम (फेज-4) पूरा करना अनिवार्य होगा। इसी बैच के नगेंद्र प्रताप, दिव्य प्रकाश गिरी, कृष्ण कुमार और सुधा वर्मा को भी सचिव पद पर पदोन्नत किया गया है।वर्ष 2012 बैच के राजेश कुमार त्यागी को सिलेक्शन ग्रेड (₹1,23,100–2,15,900) दिया गया है।
वर्ष 2022 बैच के 13 अधिकारियों को वरिष्ठ समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है। इनमें श्रुति शर्मा, गामिनी सिंगला, उत्कर्ष द्विवेदी, अभिनव जे. जैन, डॉ. दीक्षा जोशी, सुनील कुमार धनवंता, पूजा साहू, रामेश्वर सुधाकर सब्बनवाड, प्रफुल्ल कुमार शर्मा, नेहा बयाडवाल, राममोहन मीन और आलोक प्रसाद कुमार सौरभ शामिल हैं।
वर्ष 2013 बैच के 30 अधिकारियों को भी सिलेक्शन ग्रेड (₹1,23,100–2,15,900) प्रदान किया गया है। इनमें दिव्या मित्तल, राजकमल यादव, प्रियंका निरंजन, सत्येंद्र कुमार, अपूर्वा दुबे, अनुज सिंह, हर्षिता माथुर, अविनाश कुमार, दीपा रंजन, रमेश रंजन, रविंद्र कुमार मांदड़, सैमुअल पाल एन, जितेंद्र प्रताप सिंह, आलोक सिंह, शुभ्रांत शुक्ल, विशाल भारद्वाज, धर्मेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. विजय कुमार सिंह, धीरेंद्र सचान, डॉ. वंदना वर्मा, प्रेम प्रकाश सिंह, आर्यका अखौरी, सुनील कुमार वर्मा, अनीता वर्मा सिंह, शिशिर, सत्य प्रकाश पटेल, डॉ. कंचन सरन और रघुबीर शामिल हैं। इसी बैच की चांदनी सिंह को प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है। इन सभी अधिकारियों को तीन वर्षों के भीतर मिड कैरियर ट्रेनिंग पूरी करनी होगी।
























